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25 नवम्बर का इतिहास

♓🅰♉🚩🅾♏ *भारतीय एवं विश्व इतिहास में 25 नवंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ।* ☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆ 1667 - रूस के उत्तरी कॉकसस क्षेत्र के सेमाखा में ...

Sunday, 23 July 2017

*खिलजी वंश ;(1290-1320)*


■गुलाम वंश के शासन को समाप्त कर 13 जून 1290 ईसवी को *जलालुद्दीन फिरोज खिलजी* ने *खिलजी वंश* की स्थापना की।
■ इसने किलोखरी को अपना राजधानी बनाया।
■ जलालुद्दीन की हत्या 1296 में उसके भतीजा एवं दामाद अलाउद्दीन खिलजी ने कड़ामानिकपुर {इलाहाबाद में} कर दी।
 22 अक्टूबर, 1296 ईसवी में *अलाउद्दीन* दिल्ली का सुल्तान बना।
■ अल्लाउद्दीन के बचपन का नाम *अली* तथा गुरुशास्प था।
■ अल्लाउद्दीन खिलजी ने सेना को नकद वेतन देने एवं स्थाई सेना की नीव रखीं।
■ दिल्ली के शासकों में अलाउद्दीन खिलजी के पास सबसे विशाल स्थाई सेना थी।
■ घोड़ा दागने एवं सैनिकों का हुलिया लिखने की प्रथा की शुरुआत अलाउद्दीन खिलजी ने की।
■ अल्लाउद्दीन ने भू राजस्व की दर को बढ़ाकर उपज का 1/2 भाग कर दिया।
■ इसने खम्स ( लूट का धन) में सुल्तान का हिस्सा 1/4 भाग के स्थान पर 3/4 भाग कर दिया।
■ इसने व्यापारियों में बेईमानी रोकने के लिए कम तौलने वाले व्यक्ति के शरीर से मांस काट लेने का आदेश दिया। इसने अपने शासनकाल में 'मूल्य नियंत्रण प्रणाली' को दृढ़ता से लागू किया।
■ दक्षिण भारत की विजय के लिए अलाउद्दीन ने मलिक काफूर को भेजा।
■ जमैयत खान मस्जिद, अलाई दरवाजा, सीरी का किला तथा हजार खंभा महल का निर्माण अलाउद्दीन खिलजी ने करवाया था
■ देवी अधिकार के सिद्धांत को अल्लाउद्दीन ने चलाया था।
■ सिकन्दर- ए- सानी की उपाधि से स्वयं को अलाउद्दीन खिलजी ने विभूषित किया।
■ अल्लाउद्दीन ने मलिक याकूब को दीवाने रियासत नियुक्त किया था।
■ अल्लाउद्दीन द्वारा नियुक्त *परवाना - नवीस* नामक अधिकारी वस्तुओं की परमिट जारी करता था।
■ शहना -ए- मंडी------ यहां खाद्यान्नों की बिक्री हेतु लाया जाता था। *सराए-ए-अदल*------ यहाँ  वस्त्र,शक्कर, जड़ी-बूटी, मेवा, दीपक का तेल, एवं अन्य निर्मित वस्तुएं बिकने के लिए आती थीं।
*■ अल्लाउद्दीन खिलजी की आर्थिक नीति की व्यापक जानकारी जियाउद्दीन बरनी की कृति तारीखे ए फिरोजशाही से मिलती है।*
*■ _खजाइनुल-फतूह- अमीर खुसरो_, ~रिहला-इब्ना बतूता~ एवं फुतूहस्सलातीन-इसामी की कृति है।*
■ मूल्य नियंत्रण को सफल बनाने में मुहतसिब (सेंसर) एवं नजीर (नापतौल अधिकारी) महत्वपूर्ण भूमिका थी।
■ राजस्व सुधारों के अंतर्गत अल्लाउद्दीन नेम सर्वप्रथम मिल्क, इनाम एवं वक्फ के अंतर्गत दी गई भूमि को वापस लेकर उसे _खालसा भूमि_ में बदल दिया।
■ अल्लाउद्दीन खिलजी के द्वारा लगाए जाने वाले दो नवीन कर थे---(1) चारपाई कर----  दुधारु पशुओं पर लगाया जाता था,
(2) गाढी कर--- घरों एवं झोपड़ी पर लगाया जाता था।
■ अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में मंगोलों ने भारत पर अपना अंतिम आक्रमण किया ।
■अल्लाउद्दीन खिलजी की मृत्यु 5 जनवरी,1316 ईसवी को हो गई।
■कुतुबुद्दीन मुबारक ख़िलजी 1316 ईसवी को दिल्ली के सिंहासन पर बैठा।
इसे नग्न स्त्री पुरुष की संगत पसंद थी।
■ मुबारक खिलजी कभी-कभी कभी राज दरबार में स्त्रियों का वस्त्र पहनकर आ जाता था।
■ बरनी के अनुसार मुबारक कभी-कभी नग्न होकर दरबारियों के बीच दौड़ा करता था।
■ मुबारक खाँ ने खलीफा की उपाधि धारण की थी।
■ मुबारक के वजीर खुशरों ने 15 अप्रैल,1320 ईस्वी को उसकी हत्या कर दी और स्वयं दिल्ली के सिंहासन पर बैठा।
*■ खुशरों खाँ ने  पैगंबर के सेनापति की उपाधि धारण की।*

Saturday, 22 July 2017

*तुगलक वंश 1320-1398 ई ○*

■ 5 सितंबर,1320 ईस्वी को खुशरों खाँ को पराजित करके गाजी मलिक या तुगलक गाजी गयासुद्दीन तुगलक के नाम से 8 सितंबर, 1320 ईसवी को दिल्ली के सिंहासन पर बैठा।
■ गयासुद्दीन तुगलक न करीब 29 बार मंगोल आक्रमण को विफल किया।
■ गयासुद्दीन ने अल्लाउद्दीन के समय में लिए गए अमीरों की भूमि को पुनः लौटा दिया।
■ इसने सिंचाई के लिए कुएं एवं नहरों का निर्माण करवाया। संभवत नहरों का निर्माण कर करने वाला गयासुद्दीन प्रथम शासक था ।
■ गयासुद्दीन तुगलक ने दिल्ली के समीप स्थित पहाड़ियों पर तुगलकाबाद नामक एक नया नगर स्थापित किया। रोमन शैली में निर्मित इस नगर में एक दुर्ग का निर्माण भी हुआ। इस दुर्ग को छप्पन कोट के नाम से भी जाना जाता है।
■ गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु 1325 ई में बंगाल के अभियान से लौटते समय जूना खाँ द्वारा निर्मित लकडी के महल में दबकर हो गई।
■ गयासुद्दीन के बाद जूना खाँ *मोहम्मद बिन तुगलक* के नाम से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा।
■ मध्यकालीन सभी सुल्तानों में मोहम्मद तुगलक सर्वाधिक शिक्षित, विद्वान एवं योग्य व्यक्ति था।
■ मोहम्मद बिन तुगलक को अपनी सनक भरी योजनाओं, क्रूर कृत्य कृतियों एवं दूसरे के सुख-दुख के प्रति उपेक्षा भाव रखने के कारण स्वप्नशील,पागल एवं रक्त पिपासु कहा गया।
■ मोहम्मद बिन तुगलक ने कृषि के विकास के लिए 'अमीर-ए-कोही' नामक एक नवीन विभाग की स्थापना की।
■ मोहम्मद बिन तुगलक ने अपनी राजधानी दिल्ली से देवगिरी में स्थानांतरित की और इसका नाम दौलताबाद रखा।
■ सांकेतिक मुद्रा के अंतर्गत मोहम्मद बिन तुगलक ने पीतल{ फरिश्ता के अनुसार}, तांबा {बरनी के अनुसार} धातुओं के सिक्के चलवाए, जिनका मूल्य चांदी के रूपए टंका के बराबर होता था।
■ अफ्रीकी {मोरक्को} यात्री इब्नबतूता लगभग 1333 ईसवी में भारत आया। सुल्तान ने इसे दिल्ली का काजी नियुक्त किया। 1342 ईस्वी में सुल्तान ने इसे अपने राजदूत के रूप में चीन भेजा।
■ इब्नबतूता की पुस्तक रेहला में मोहम्मद तुगलक के समय की घटनाओं का वर्णन है। इसने अपनी पुस्तक में विदेशी व्यापारियों की आवागमन, डाक चौकियों की स्थापना यानी डाक व्यवस्था एवं गुप्तचर व्यवस्था के बारे में लिखा है।
■ मोहम्मद तुगलक ने जिन प्रभा सूर नामक जैन-साधु के साथ विचार- विमर्श किया था ।
■ मोहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु 20 मार्च, 1351 ईसवी को सिंध जाते समय खट्टा के निकट नोडल में हो गई।
■ मोहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में दक्षिण में हरिहर एवं बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 ईसवी में स्वतंत्र राज्य विजयनगर की स्थापना की।
■ महाराष्ट्र में अलाउद्दीन बहमन शाह ने टेरस 47 ईस्वी में स्वतंत्र बहमनी राज्य की स्थापना की। ■ महाराष्ट्र में अलाउद्दीन बहमन शाह ने 1347 ईसवी में स्वतंत्र बहमनी राज्य की स्थापना की।
■ मोहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु पर इतिहासकार बदायूनी लिखता है, " अंततः लोगों को उस से मुक्ति मिली और उसे लोगों से"।
■ मोहम्मद बिन तुगलक शेख अलाउद्दीन का शिष्य था। वह सल्तनत का पहला शासक था, जो अजमेर में शेख मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और बहराइच से सालार मसूद गाजी के मकबरे में गया।
■ मोहम्मद बिन तुगलक ने बदायूँ में मीरन मुलहीम, दिल्ली में शेख निजामुद्दीन औलिया, मुल्तान में शेख रुकनुद्दीन,अजुधन में शेख मुल्तान आदि संतो की कब्र पर मक़बरे बनवाए।
■ फिरोज तुगलक का राज्यभिषेक थट्टा के निकट 20 मार्च, 1351 ईस्वी को हुआ। पुनः फिरोज का राज्यभिषेक दिल्ली में 13 अगस्त 1351 ई को हुआ। खलीफा द्वारा इसे कासिम अमीर उल मोममीन की उपाधि दी गई।
■ राजस्व व्यवस्था के अंतर्गत फिरोज ने अपने शासनकाल में 24 कष्टदायक करों को समाप्त कर केवल चार कर----- खराज (लगान),खुम्स (युद्ध में लुट का माल), जजिया एवं जकात को वसूल करने का आदेश दिया।
■ फिरोज तुगलक ब्राह्मणों पर जजिया लागू करने वाला पहला मुसलमान शासक था।
■ फिरोज तुगलक ने एक नया कर सिंचाई कर भी लगाया जो उपज का 1/10 भाग था।
■ फिरोज तुगलक ने पांच बड़ी नहरों का निर्माण करवाया।
■ फिरोज तुगलक ने 300 नए नगरों की स्थापना की।इनमें हिसार, फिरोजाबाद (दिल्ली), फतेहाबाद, जौनपुर, फिरोजपुर प्रमुख है।
■ इसके शासन में खिज्राबाद (टोपरा गांव) एवं मेरठ से अशोक के 2 स्तंभों को लाकर दिल्ली में स्थापित किया गया।
■ सुल्तान फिरोज तुगलक ने अनाथ मुस्लिम महिलाओं, विधवाओं एवं लड़कियों की सहायता के लिए एक नए विभाग दीवाने-ए- खैरात की स्थापना की।
■ सल्तनत कालीन सुल्तानों के शासनकाल में सबसे अधिक दासों की संख्या (करीब 1 लाख 80 हजार) फिरोज तुगलक के समय थी ।
■ दासों की देखभाल के लिए फिरोज ने एक नये विभाग दीवान-ए- बंदगान की स्थापना की।
■ इसने सैन्य पदों को वंशानुगत बना दिया।
■ इसने अपनी आत्मकथा फतूहात-ए- फिरोजशाही की रचना की।
■ इसने जियाउद्दीन बरनी एवं शम्मस-ए- सिराज अफीफ को अपना संरक्षण प्रदान किया।
■ इसमें ज्वालामुखी मंदिर के पुस्तकालय से लूटे गए 1300 ग्रंथों में से कुछ को फारसी में विद्वानों अपाउद्दीन द्वारा 'दलायते-  फिरोजशाही' नाम से अनुवाद करवाया।
■ इसने चांदी एवं तांबे के मिश्रण से निर्मित सिक्के भारी संख्या में जारी करवाएं, जिसे अद्धा एवं विख कहा जाता था।
■ फिरोज तुगलक की मृत्यु सितंबर 1388 में हो गई।
■ फिरोज काल में निर्मित खान-ए-जहाँ  तेलंगानी के मक़बरा की तुलना जेरूसलम में निर्मित उमर की मस्जिद से की जाती है।
■ सुल्तान फिरोज तुगलक ने दिल्ली में कोटला फिरोजशाह दुर्ग का निर्माण करवाया।
■ तुगलक वंश का अंतिम शासक नसरुद्दीन मोहम्मद तुगलक था।
■ इसका शासन दिल्ली से पालम तक ही रह गया था।
■ तैमूर लंग ने सुल्तान नसीरुद्दीन मुहम्मद तुगलक के समय 1398 में दिल्ली पर आक्रमण किया।
■ नसरुद्दीन के समय में ही मलिकुशर्शक(पूर्वाधिपति) की उपाधि धारण कर एक हिजड़ा मलिक सरवर ने जौनपुर में एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना की।