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25 नवम्बर का इतिहास

♓🅰♉🚩🅾♏ *भारतीय एवं विश्व इतिहास में 25 नवंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ।* ☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆ 1667 - रूस के उत्तरी कॉकसस क्षेत्र के सेमाखा में ...

Monday, 11 March 2019

दिल्ली सल्तनत (गुलाम वंश)।

             दिल्ली सल्तनत

1. गुलाम वंश का संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक था।
2. कुतुबुद्दीन ऐबक को उसकी उदारता के कारण 'लाखबख्श' कहा जाता है।
3. ऐबक ने ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की स्मृति में कुतुबमीनार का निर्माण प्रारंभ करवाया।

गुप्त साम्राज्य के विषय में यहाँ क्लिक कर पढ़े--))))


4. 1210 में चौगान(पोलो) खेलते समय ऐबक की मृत्यु हो गयी।
5. इल्तुतमिश(1210-1236 ई) ने अपने विरोधियों से निबटने के लिए चालीस दासों का एक दल बनाया जिसे 'तुर्कान -ए-चहलगानी'कहा गया।
6. इल्तुतमिश ने अपने क्षेत्रों को छोटे- छोटे क्षेत्रों में बाँट दिया गया जिसे इक्ता कहा गया,इसका प्रशासक इक्तादार होता था।
7. इल्तुतमिश ने कुतुबमीनार के निर्माण को पूरा करवाया।
8. इसने अपनी राजधानी दिल्ली से लाहौर स्थानांतरित की।
9. रज़िया सुल्तान(1236-40 ई) भारत की प्रथम महिला मुस्लिम शासिका थी।
10. रजिया ने पहनावे में पर्दें को त्याग कर कुबा(कोट) तथा कुलाह(टोपी) धारण की। उसने भटिण्डा के प्रशासक अल्तूनिया से निकाह किया।

{गुलाम वंश के बारें में वीडियों में देखें विसूत्र से...}


11. बलबन (1265-87) दिल्ली सल्तनत का प्रथम सुल्तान था,जिसने सुल्तान की प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना के उद्देश्य से राजत्व सम्बंधी विचार प्रस्तुत किया।
12. बलबन ने फारसी परम्परा की तर्ज पर 'सिजदा' तथा 'पाबोस ' की प्रथा चलाई।
13. उसने फारसी परम्परा पर आधारित 'नवरोज' उत्सव की शुरूआत की।
14. बलबन ने अपने विरोधियों से निबटने के लिए 'लौह एवं रक्त' की नीति का अनुसरण किया।

Sunday, 10 March 2019

गुप्त साम्राज्य

मौर्य वंश से सम्बंधित जानकारी के लिए...                गुप्त साम्राज्य


1. गुप्त वंश का पहला महत्त्वपूर्ण शासक चन्द्रगुप्त प्रथम था, लेकिन इसके पहले श्री गुप्त(240-285 ई.) तथा घटोत्कच (280-320 ई.) का शासक के रूप में उल्लेख मिलता है।
2. चन्द्रगुप्त प्रथम(319-350ई) ने 320 ई में गुप्त संवत् की शुरूआत की। उसने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की थी।
3. चन्द्रगुप्त प्रथम ने अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लिच्छवि राजकुमारी कुमार देवी से विवाह किया था। जो उस समय की महत्तवपूर्ण घटना थी।
4. समुद्रगुप्त (350-375 ई) चन्द्रगुप्त प्रथम का पुत्र था।
5. विभिन्न अभियानों के कारण इतिहासकार वी.ए. स्मिथ ने उसे 'भारत का नेपोलियन' कहा है।
मौर्य साम्राट से सम्बंधित जानकारी।
6. समुद्रगुप्त की विजयों और उसके बारें में जानकारी के स्रोत उसके दरबारी कवि हरिषेन द्वारा रचित प्रयाग प्रशस्ति या इलाहाबाद स्तंभ अभिलेख है।
7. समुद्रगुप्त की अनुमति से सिंहल(श्री लंका) के राजा मेघवर्मन ने बोधगया में एक बौद्ध मठ स्थापित किया था।
8. समुद्रगुप्त को उसके सिक्कों पर वीणा बजाते हुए दिखाता गया है।
9. चन्द्रगुप्त द्वितीय(375-415 ई) का काल गुप्तकाल में साहित्य और कला का स्वर्ण काल कहा जाता है।
10. चन्द्रगुप्त द्वितीय ने शाकों को पराजित कर विक्रमादित्य की उपाधि धारण की तथा चाँदी के सिक्के चलाएँ।
11. चन्द्रगुप्त द्वितीय के कार्यकाल (399-412ई) में चीनी यात्री फाह्यान भारत आया था।
12. उसके दरबार में नौ विद्वानों की मण्डली थी ,जिसे नवरत्न कहा जाता था। जिसमें कालिदास,अमरसिंह आदि शामिल थे ।
13. कुमारगुप्त प्रथम (415-455 ई) के समय में नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी थी।
14. स्कंदगुप्त(455-467 ई) गुप्त वंश का अंतिम प्रतापी शासक था। उसने हुणों के आक्रमण को विफल किया था।
15. स्कन्दगुप्त ने भी चन्द्रगुप्त मौर्य के समय में निर्मित सुदर्शन झील का पुनरुद्धार करवाया।
16. गुप्तकालीन प्रशासन की सबसे छोटी इकाई ग्राम थी । जिसका प्रशासन ग्राफिक का हाथ में होता था।
17. कई गाँवों को मिलाकर पेठ बनते थे।
18. भारत में मन्दिरों का निर्माण गुप्त काल से शुरू हुआ। देवगढ़ का दशावतार मंदिर गुप्तकाल की कला का सबसे उत्कृष्ट मंदिर था ।
19. गुप्तकालीन बौद्ध गुफा मन्दिरों में अजंता वा बाघ की गुफाएँ प्रमुख है।
20. गुप्त शासकों की राजकीय वा अधिकारिक भाषा संस्कृत थी।
21. गुप्तकाल में भाग एवं भोग राजस्व कर था। भाग उपज का छठ हिस्सा होता था।जबकि भोग सब्जी तथा फलों के रूप में दी जाती थी।

Sunday, 3 March 2019

मौर्य साम्राज्य

                    मौर्य साम्राज्य
1. मौर्य वंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ई. पूर्व में हुआ था।
2. जस्टिन ने चन्द्रगुप्त मौर्य को सेन्ड्रोकोट्टस कहा है, जिसकी पहचान विलियम जोन्स ने चन्द्रगुप्त मौर्य से की है।
3. विशाखदत्त कृत मुद्राराक्षस में चन्द्रगुप्त मौर्य का लिए वृषल(निम्न कुल में उत्पन्न) शब्द का प्रयोग किया।
4. घनानंद को हराने में चाणक्य (कौटिल्य/विष्णुगुप्त) ने मदद की थी,जो बाद में चन्द्रगुप्त मौर्य का प्रधानमंत्री बना। इसके द्वारा लिखित पुस्तक अर्थशास्त्र है, जिसका संबंध राजनीति से है।
5. चन्द्रगुप्त मौर्य 322 ईसा पूर्व में मगध के गद्दी पर बैठा । चन्द्रगुप्त जैन धर्म का अनुयायी था।
6. चन्द्रगुप्त ने अपने अंतिम समय श्रवणबेलगोला नामक स्थान पर बिताया।
7. चन्द्रगुप्त ने 305 ई पूर्व में सेल्यूकस निकेटर को हराया।
8. सेल्यूकस निकेटर ने अपनी पुत्री कार्नेलिया की शादी चन्द्रगुप्त मौर्य के साथ कर दी और युद्ध की संधि शर्तों के अनुसार चार प्रांत काबुल, कन्धार, हेरात और मकरान चन्द्रगुप्त खी दे दिए।
9. चन्द्रगुप्त मौर्य ने जैनी धर्म गुरू भद्रबाहु से जैन धर्म की दीक्षा ली थी।
10. मेगास्थनीज सेल्यूकस निकेटर का राजदूत था,जो चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में रहता था।
11. मेगास्थनीज द्वारा लिखी गयी पुस्तक इंडिका है। मेगास्थनीज के अनुसार सम्राट का जनता के सामने आने के अवसरों पर शोभा यात्रा के रूप में जश्न मनाया जाता था।
12. चन्द्रगुप्त मौर्य और सेल्यूकस के बीच हुए युद्ध का वर्णन एप्पियानस ने किया है।
13. प्लूटार्क के अनुसार चन्द्रगुप्त मौर्य ने सेल्यूकस को 500 हाथी उपहार में दिए थे।
14. चन्द्रगुप्त मौर्य की मृत्यु 298 ईसा पूर्व में हुआ था।