Thursday, 7 December 2017

प्रेरणदायी शायरी

साथ सबों को लेकर चलना है,हमे आगे बढ़ना है।
शुरू में होगी बहुत परेशानियाँ झेलते हुए आगे निकलना है।।
नक्शे कदम पर चलने को विवश हो जाएंगे पीछे रहने वाले।
मधुर संबंध के साथ राह कुछ ऐसा बनाते हुए आगे निकलना है।।

मंजिल मिलना इतना आसान नहीं यहाँ, कठिन डगर से नहीं ड़रना है।
दूर मंजिल तक अगर निकलना है,सफर में भी संभलना है।।
हौसले भी यहाँ मुफ्त में ना देंगे लोग,पर हासिल हमें करना है।
मधुर संबंध के साथ राह नये और नये सफर पर चलना है।।              *--हरि ॐ---*

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