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25 नवम्बर का इतिहास

♓🅰♉🚩🅾♏ *भारतीय एवं विश्व इतिहास में 25 नवंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ।* ☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆ 1667 - रूस के उत्तरी कॉकसस क्षेत्र के सेमाखा में ...

Friday, 29 November 2019

असीरिया की सभ्यता।


असीरिया की सभ्यता।
बेबीलोन के साम्राज्य की समाप्ति होने पर उसी क्षेत्र में एक दूसरी राष्ट्र का उत्थान हुआ। जिसका नाम असीरिया था। भौगोलिक दृष्टि से असीरिया दजला नदी के पूर्व और दक्षिण जेब के उत्तर का भूभाग है यह बेबीलोनिया की भांति पूर्णत‌ समतल ना होकर आंशिक तौर पर पहाड़ी क्षेत्र है, इसलिए यहां की जलवायु ज्यादा ठंडी है। असीरियन सोमेटिक जाति की एक शाखा थे और अक्कादी भाषा से मिलती-जुलती भाषा बोलते थे। बेबीलोन में राजनीतिक अस्थिरता का लाभ उठाकर असीरिया, जिस पर बेबीलोन का अधिकार था, असुरदान(1183-1140ई पू) के नेतृत्व में स्वतंत्र हो गया। इस प्रकार कुछ ही वर्षों में मिस्र और पश्चिमी एशिया के प्रमुख देशों में नई राजवंशों की स्थापना हुई। जिसमें असीरिया सबसे शक्तिशाली साबित हुआ। वास्तव में 12 वीं शताब्दी ईसा पूर्व की प्रारंभ से लेकर सातवीं शताब्दी ईसा पूर्व तक निकट पूर्व का इतिहास मुख्य रूप से असीरियन साम्राज्य का इतिहास है।

Tuesday, 20 August 2019

आँखीक गीत परिचय((((खोरठा ))))

         आँखीक गीत परिचय

खोरठा साहित्य से सोंध माटी का सामान्य परिचय जो आपके JTET के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
• कवि-- श्री निवास पानुरी।
• जन्म-- 25,दिसम्बर 1920।
• निधन-- 7 अक्टुबर,1986।
• जन्म स्थान-- बरवाअड्डा, धनबाद।
• पिता- शालिग्राम पानुरी।
• माता-- दुखनी देवी।
यहाँ से पढे *"रूसल पुटूस "* खोरठा काव्य संग्रह का एक और पोस्ट आप सबों के लिए हाजिर है । तो पढें और अपना कमेंट दे साथ ही शेयर करें।और बने रहे हमारे साथ जल्द मिलेगा अगला पोस्ट...
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• घर का पुकारू नाम--- चिनिवास।
• आँखीक गीत का प्रकाशन-- नारायण महतो।
• प्रकाशन वर्ष--2011
• इस संग्रह में कविताओं की संख्या-- 71 तथा 11 क्षणिकाँए।
• संग्रह की पहली कविता-- 'आइझ हामर गीतेक देसें'।
• संग्रह की अंतिम कविता-- 'विधवा'।
• अधिकांश कविताओं की शैली --- छायावादी।
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• विषय-वस्तु-- समाज की पीडा निजी अनुभूति और वैयक्तिक पीडा,जीवन दर्शन, सामाजिक कुरीति, विषमता, छलछद्म, नैतिक पतन नारी,दुर्दशा, मातृभाषा प्रेम आदि।



प्रबंध काव्य में यहां पर क्लिक कर पढें बंशीलाल बंशी जी का डींडाक डोंआनी।

Saturday, 17 August 2019

इतिहास में 18 अगस्त का दिन....


*18 अगस्त की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ👉*

293 ईसा पूर्व – रोमानिया में सौंदर्य की देवी वीनस की सबसे प्राचीन मंदिर की खोज की गई।
1201 – उत्तरी यूरोपीय देश लातविया की राजधानी रिगा की स्थापना हुई।
1708 - स्पेनिश उत्तराधिकार का युद्ध: ब्रिटिश सेनाओं द्वारा मिनोरका को कैद किया गया।
1765 - जोसेफ द्वितीय पवित्र रोमन सम्राट बने।
1800 - लार्ड वेलेजली के द्वारा कलकत्ता में फोर्ट विलियम काॅलेज की स्थापना।
1838 – अमेरिका का पहला नौसैनिक अभियान हुआ।
1846 - जनरल स्टीफन डब्लू केर्नी की अमेरिकी सेनाएं सांता फ़े, न्यू मैक्सिको पर कब्जा किया।
1858 – नीदरलैंड तथा जापान के बीच व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुए।
1868 - फ्रांस के खगोलविद पियरे जेनसीन ने हिलियम की खोज की।
1891 - कैरेबियाई द्वीप मार्टिनीक्यु में चक्रवाती तूफान से 700 की मौत।
1914 – जनरल दुबैल के नेतृत्व में फ्रांंसीसी सेना ने पूर्वोत्तर फ्रांस के सर्रेबर्ग पर कब्जा किया।
1924 - फ़्रांस ने जर्मनी से अपने सैनिकों को वापस बुलाया।
1926 – मौसम मानचित्र पहली बार टेलीविजन पर प्रसारित किया गया।
1945 - सुकर्णो ने इंडोनेशिया के प्रथम राष्ट्रपति के तौर कामकाज शुरू की।
1949 - हंगरी ने संविधान अंगीकार किया।
1951 – पश्चिम बंगाल के खडगपुर में भारतीय प्रौधोगिक संस्‍थान (आईआईटी) की स्थापना हुई।
1963 - अमेरिका में जेम्स मेरीडिथ मिसिसीपी विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाला पहला अश्वेत व्यक्ति।
1964 – दक्षिणी अफ़्रीक़ा को ओलम्पिक खेलों में भाग लेने से रोक दिया गया। यह प्रतिबंध दक्षिणी अफ़्रीक़ा की सरकार की नीतियों के चलते लगा था।
1973 – अमेरिका के बॉस्‍टन में पहले एफ एम रेडियों स्‍टेशन के निर्माण को मंजूरी दी गई।
1982 - सोवियत संघ द्वारा एक महिला अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष स्टेशन सेल्युत-7 के लिए भेजी गई।
1998 – अमरीका में पहली बार हृदय के ऑप्रेशन को इंटरनेट पर दिखाया गया। यह ऑप्रेशन डॉक्टर राबर्ट लाज़ारा ने किया था।
2000 - इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज को हराकर दो दिन में टेस्ट जीतने का इतिहास रचा।
2006 - बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति एच.एम. इरशाद को विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में बरी किया।
2007 - विवादास्पद ब्रिटिश गायिका लिली एलेन के अमेरिका में घुसने पर प्रतिबन्ध लगा।
2008 - उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा की।
2008 - पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने महाभियोग की आशंका के बीच इस्तीफा दिया।
2012 - नाटो के हवाई हमले में अफ़ग़ानिस्तान के कम से कम 13 आतंकवादियों की मौत।

*18 अगस्त को जन्मे व्यक्ति👉*

1700 - बाजीराव प्रथम - मराठा साम्राज्य का महान् सेनानायक, जो बालाजी विश्वनाथ और राधाबाई का बड़ा पुत्र था।।
1734 - राघोबा - पेशवा बाजीराव प्रथम का द्वितीय पुत्र, जो एक कुशल सेना नायक था।
1872 - पंडित विष्णु दिगंबर - महाराष्ट्र के प्रसिद्ध नेत्रहीन संगीतज्ञ।
1900 - विजयलक्ष्मी पण्डित - भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बहन तथा महिला स्वतंत्रता सेनानी।
1923 - ए. बी. तारापोरे, परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिक ।
1936 - गुलज़ार, प्रसिद्ध गीतकार, कवि और फ़िल्म निर्देशक ।
1946 - अरुणा ईरानी हिन्दी फिल्मों की एक चरित्र अभिनेत्री।
1956 – भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी संदीप पाटिल का जन्म मुंबई में हुआ। उन्होंने 29 टेस्ट मैचों 1588 रन बनाए।

*18 अगस्त को हुए निधन👉*

1227 - चंगेज़ ख़ाँ ।
1945 – ताइवान के ताइहोकू हवाई अड्रडे पर सुभाषचन्‍द्र बोस का विमान दुर्घटनाग्रस्‍त होने से उनकी मौत हुई।
1979 - वसंतराव नाइक -
 महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ।
1990 - श्री नारायण चतुर्वेदी - हिन्दी के साहित्यकार तथा सरस्वती पत्रिका के संपादक।

*18 अगस्त के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव👉*

🔅 अफ़ग़ानिस्तान का स्वतंत्रता दिवस।
🔅 श्री वसंतराव नाइक स्मृति दिवस।
🔅 नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मृति दिवस।

*कृपया ध्यान दें जी👉*
    *यद्यपि इसे तैयार करने में पूरी सावधानी रखने की कोशिश रही है। फिर भी किसी घटना , तिथि या अन्य त्रुटि के लिए मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है ।

रूसल पुटूस(खोरठा कविता संकलन)


प्रकाशन वर्ष--1985
प्रकाशक--बोकारो खोरठा कमिटी।



Thursday, 15 August 2019

डींडाक-डोंआनी(प्रबंध काव्य)।

           डींडाक - डोंआनी(प्रबंध काव्य)
कवि-: बंशी लाल 'बंशी'
जन्म स्थान-: चौफांद बोकारो स्टील सिटी, बोकारो।
प्रकाशक-: खोरठा साहित्य- सांस्कृतिक परिषद,बोकारो।
प्रकाशक-: 1992 ई.

*खोरठा साहित्य से सोंध माटी का सामान्य परिचय जो आपके JTET के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
डींडाक-डोआनी का सामान्य परिचय: प्रबंध काव्य के दो रूप होते हैं- महाकाव्य और खंडकाव्य। डींडाक-डोंआनी एक खंडकाव्य है। यह काव्य बोकारो स्टील कारखाना की स्थापना और उसके लिए हुई विस्थापन की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। काव्य का मूल कथ्य विस्थापितों का अपने हक अधिकार के लिए संघर्ष और स्त्री विरोधी सामाजिक रीति परंपराओं के खिलाफ आंदोलन है।
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कथावस्तु यानि काव्य में वर्णन की गयी कहानी-::
इस काव्य में महुआ और करमा नामक मजदूर के नेतृत्व में बोकारो कारखाना की स्थापना के दौरान विस्थापित और निर्माण कार्य में लगे मजदूरों पर हो रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष की कहानी है । साथ ही सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध आंदोलन का भी वर्णन है। कहानी है -- जगन नामक एक स्वतंत्रता सेनानी और शहीद की बेटी है महुआ। पिता की असमय मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी निभाने के लिए महुआ को रेजा का काम करना पड़ता है। बोकारो स्टील प्लांट के लिए खेती बारी गंवा चुके हजारों विस्थापित महिला- पुरुष जीविकोपार्जन के लिए इस कारखाने के निर्माण कार्य में मजदूरी कर रहे थे। इन्हीं में से महुआ भी थी। महुआ एक तेज-तर्रार युवती है। वह काफी संवेदनशील और स्वाभिमानी है। किसी भी तरह का शोषण अन्याय उसे बर्दाश्त नहीं है। मजदूरी के दौरान ठेकेदार द्वारा अन्याय और आर्थिक शोषण के खिलाफ मुखर होकर आगे आती है। मजदूर साथियों को संगठित करती है। लोगों का साथ मिलता है। इस बीच करमा नामक युवक महुआ का खास सहयोगी बन जाता है। महुआ उसे अपना मुंह बोला भाई बना लेती है।
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*खोरठा साहित्य से सोंध माटी का सामान्य परिचय जो आपके JTET के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है। अवश्य पढे और आगे भी शेयर करें-)))))
महुआ करमा की संगठन का विस्थापितों के हक में संघर्ष तेज होता है। इस क्रम में कई सफलताएं मिलती है। लेकिन महुआ कारखाना प्रबंध और ठेकेदार की आंखों का कांटा बन जाती है। वह इस कांटा को रास्ते से निकालने के लिए मौके की तलाश में रहते हैं । कर्मा अपने गांव की एक विधवा-युवती सुगिया से विवाह करता है। सुगिया तथाकथित उच्च जाति की और जमींदार खानदान की बाल विधवा है। विधवा जीवन से निराश हो चुकी सुगिया आत्महत्या करने के लिए दामोदर नदी में कूद जाती है। संयोग से कर्मा उसको देख लेता है और उसे डूबने से बचा लेता है। करमा सुगिया को जीवन का नया पाठ पढ़ाता है। सुगिया की चुनौती पर अविवाहित करमा उसे अपना जीवन साथी बना लेता है। करमा के इस साहसिक और क्रांतिकारी कदम में महुआ और उसके संगठन का भरपूर साथ मिलता है।
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हमेशा बेहतर से बेहतरीन की ओर साथ चलने को हम है तैयार, तो देर किस बात की चलिये करते है सफर की शुरूआत।😁😆😆यहाँ से क्लिक कर पढे *"रूसल पुटूस "* खोरठा काव्य संग्रह का एक और पोस्ट आप सबों के लिए हाजिर है । तो पढें और अपना कमेंट दे साथ ही शेयर करें।
अब आगे महुआ जब सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी मुखर हो जाती है उसके दुश्मनों की संख्या और भी बढ़ जाती है। अंततः कारखाने के ठेकेदार और सुगिया के जमींदार ससुराल वाले, दोनों मिलकर महुआ की हत्या करवा देते हैं।
उसी दिन कर्मा की पत्नी सुगिया की कोख से एक कन्या का जन्म होता है। उस कन्या का नाम संगठन के सभी साथियों की राय से महुआ रखा जाता है। इसके बाद लोग महुआ की चिता की आग के सामने संगठन की संघर्ष को जारी रखने की कसम खाते हैं। काव्य की कहानी यहीं समाप्त होती है।
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काव्य का मूल अर्थ-; विस्थापन की त्रासदी और नारी चेतना ।
काव्य के शीर्षक का अर्थ-: डींडा का अर्थ है जन्म स्थान और आस पास का परिवेश। डांआनी का मतलब पीडा,जोर से रोना। इन्हीं दो ठेठ खोरठा शब्दों के माल से बना है यह शीर्षक । डींडाक-डींडा संज्ञा शब्द में संबंध कारक का चिन्ह लगा है।डोंआनी शब्द डोंआइएक क्रिया में नी प्रत्यय जोडने से बना है।इसका भावार्थ है लेखक की जन्म भूमि की संतानों की दुर्दशा का बखान।



इस पाठ के वस्तुनिष्ठ प्रश्न देखने का लिए...यहाँ क्लिक करें
काव्य में कुल छः सर्ग है।
1. डींडा।
2. सपुन।
3. हुलुस्थुल।
4. डहर।
5. पोहा।
6. खांधार।
• काव्य के भूमिका लेखक-- ए के झा।
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Tuesday, 13 August 2019

सोंध माटी---- खोरठा एक परिचय।

सोंध माटी

रचनाकार- प्रो. बिनोद कुमार।
जन्म-1961
जन्म स्थान- दारू,झुमरा,हजारीबाग
पिता- मथुरा प्रसाद
पुस्तक का प्रकाशन- 1990,2017
प्रकाशक-: जनजातीय भाषा अकादमी बिहार/झारखंड,रांची। इस संग्रह में कुल 10 कहानियाँ और 31 कविताएं शामिल है।
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कहानियों के नाम-: उबार, जिनगीक डोंआनी, धुआ-धुँध, माय के लोर, अजवाइर भउजीक बेंडाइल चेंगा, दू पइला जोंढरा, ओद दीदा,मलकी बहू, भीतर बाहर और हूब।

सोंध माटी का कविता खण्ड

1. आजादीक रइसका-: आजादी आंदोलन के शहीदों के जोश और जज्बे का गुणगान।
2. जुवान -: देश की रक्षा और उसकी उन्नति में जवानों के योगदान का वर्णन ।♓🅰️♉🚩🅾️♏
3. माटी-: मातृभूमि की महिमा का गुणगान।
4. दहेज सामाजेक करिखा -: दहेज प्रथा एक सामाजिक बुराई है सभी सभ्य समाज के लिए कलंक है।
5. आस -: संसार में सभी जन या वस्तु, सब एक दूसरे की जरूरत है। सब को एक दूसरे से आस रहती है।
6. आजादीक गीत-; देश की आजादी में शहीदों के योगदान का बखान।
7. माटी और संसकीरति-: अपने देश की धरती और संस्कृति का बखान।
8. नारी-: स्त्री की महिमा और सामाजिक दशा का वर्णन है।
9. खोढर - एक भीख मांगा की दारुण दशा का चित्रण।
10. आंखित कांदना-; औद्योगिकीकरण और शहरीकरण से उत्पन्न पर्यावरण प्रदूषण की चिंता।
11. धरती मांय-: मातृभूमि की महिमा का वर्णन।♓🅰️♉🚩🅾️♏
12. किसानेक जिनगी-: किसान समुदाय के जीन संघर्ष का चित्रण।
13. गुलौंची फूल-: गुलौंची फूल के बहाने प्रकृति के सौंदर्य का चित्रण।
14. नीम-: नीम एक अत्यंत गुणकारी वनस्पति होते हुए भी समाज में उपेक्षित है ।
15. पियासल धरती-: अंगरेजो की गुलामी से तड़पती भारत की धरती की करुण पुकार।
16. मम्मी- पापा -: पश्चिमी सभ्यता की अंधी नकल करने वालों पर चोट।
17. रे मान-: विज्ञान के दुरुपयोग और बढ़ते कदम से उत्पन्न मानवता के संकट पर चिंता।
18. जुवान और किसान-- फौजी जवानों और किसानों की काम का गुणगान।
19. बरिसा ऋतु -: वर्षा ऋतु में प्रकृति के परिदृश्य में आए बदलाव का चित्रण।♓🅰️♉🚩🅾️♏
20. जिनगी एक मजूरा-: मजदूर के जीवन की समस्याओं और उसके संघर्ष का वर्णन।
21. बोनेक डाक-: औद्योगीकरण और शहरीकरण से जंगल को हो रहे नुकसान की चिंता।
22. जाडा रितु-: जाडा के रितु में गरीबों की दशा का चित्रण।
23. रक्षाबंधन-: भाई बहन के पवित्र रक्षाबंधन के महत्व का वर्णन।
24. बछरेक कांदना-: समय का चक्र चलता है और दुनिया में बदलाव आते रहता है।
25. करिया हीरा-: कोयला के महत्व झारखंड में उसकी लूट खसोट पर चिंता।
26. अदमी निक जीव हे-: जाति धर्म ऊंच-नीच के भेदभाव से इंसानियत खत्म हो रही है।
27. भागजोगनी-: आदमी को खुद की काबिलियत को भगजोगनी तरह साबित करना चाहिए।
28. नेता और नीयत-: आजकल की राजनेताओं की नीति और चरित्र में आई गिरावट पर कटाक्ष।
29. बिजलिक महिमा-: वर्तमान समय में सभी क्षेत्रों में बिजली की अहमियत का वर्णन।
30. नसापान-: नशा पान के चलते हुए नुकसान का वर्णन।
31. पेपर बिचवा-: घर- घर अखबार देने वाली के काम का और उसके व्यवहार का गुणगान।

हमेशा बेहतर से बेहतरीन की ओर साथ चलने को हम है तैयार, तो देर किस बात की चलिये करते है सफर की शुरूआत।😁😆😆
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Monday, 11 March 2019

दिल्ली सल्तनत (गुलाम वंश)।

             दिल्ली सल्तनत

1. गुलाम वंश का संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक था।
2. कुतुबुद्दीन ऐबक को उसकी उदारता के कारण 'लाखबख्श' कहा जाता है।
3. ऐबक ने ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की स्मृति में कुतुबमीनार का निर्माण प्रारंभ करवाया।

गुप्त साम्राज्य के विषय में यहाँ क्लिक कर पढ़े--))))


4. 1210 में चौगान(पोलो) खेलते समय ऐबक की मृत्यु हो गयी।
5. इल्तुतमिश(1210-1236 ई) ने अपने विरोधियों से निबटने के लिए चालीस दासों का एक दल बनाया जिसे 'तुर्कान -ए-चहलगानी'कहा गया।
6. इल्तुतमिश ने अपने क्षेत्रों को छोटे- छोटे क्षेत्रों में बाँट दिया गया जिसे इक्ता कहा गया,इसका प्रशासक इक्तादार होता था।
7. इल्तुतमिश ने कुतुबमीनार के निर्माण को पूरा करवाया।
8. इसने अपनी राजधानी दिल्ली से लाहौर स्थानांतरित की।
9. रज़िया सुल्तान(1236-40 ई) भारत की प्रथम महिला मुस्लिम शासिका थी।
10. रजिया ने पहनावे में पर्दें को त्याग कर कुबा(कोट) तथा कुलाह(टोपी) धारण की। उसने भटिण्डा के प्रशासक अल्तूनिया से निकाह किया।

{गुलाम वंश के बारें में वीडियों में देखें विसूत्र से...}


11. बलबन (1265-87) दिल्ली सल्तनत का प्रथम सुल्तान था,जिसने सुल्तान की प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना के उद्देश्य से राजत्व सम्बंधी विचार प्रस्तुत किया।
12. बलबन ने फारसी परम्परा की तर्ज पर 'सिजदा' तथा 'पाबोस ' की प्रथा चलाई।
13. उसने फारसी परम्परा पर आधारित 'नवरोज' उत्सव की शुरूआत की।
14. बलबन ने अपने विरोधियों से निबटने के लिए 'लौह एवं रक्त' की नीति का अनुसरण किया।

Sunday, 10 March 2019

गुप्त साम्राज्य

मौर्य वंश से सम्बंधित जानकारी के लिए...                गुप्त साम्राज्य


1. गुप्त वंश का पहला महत्त्वपूर्ण शासक चन्द्रगुप्त प्रथम था, लेकिन इसके पहले श्री गुप्त(240-285 ई.) तथा घटोत्कच (280-320 ई.) का शासक के रूप में उल्लेख मिलता है।
2. चन्द्रगुप्त प्रथम(319-350ई) ने 320 ई में गुप्त संवत् की शुरूआत की। उसने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की थी।
3. चन्द्रगुप्त प्रथम ने अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लिच्छवि राजकुमारी कुमार देवी से विवाह किया था। जो उस समय की महत्तवपूर्ण घटना थी।
4. समुद्रगुप्त (350-375 ई) चन्द्रगुप्त प्रथम का पुत्र था।
5. विभिन्न अभियानों के कारण इतिहासकार वी.ए. स्मिथ ने उसे 'भारत का नेपोलियन' कहा है।
मौर्य साम्राट से सम्बंधित जानकारी।
6. समुद्रगुप्त की विजयों और उसके बारें में जानकारी के स्रोत उसके दरबारी कवि हरिषेन द्वारा रचित प्रयाग प्रशस्ति या इलाहाबाद स्तंभ अभिलेख है।
7. समुद्रगुप्त की अनुमति से सिंहल(श्री लंका) के राजा मेघवर्मन ने बोधगया में एक बौद्ध मठ स्थापित किया था।
8. समुद्रगुप्त को उसके सिक्कों पर वीणा बजाते हुए दिखाता गया है।
9. चन्द्रगुप्त द्वितीय(375-415 ई) का काल गुप्तकाल में साहित्य और कला का स्वर्ण काल कहा जाता है।
10. चन्द्रगुप्त द्वितीय ने शाकों को पराजित कर विक्रमादित्य की उपाधि धारण की तथा चाँदी के सिक्के चलाएँ।
11. चन्द्रगुप्त द्वितीय के कार्यकाल (399-412ई) में चीनी यात्री फाह्यान भारत आया था।
12. उसके दरबार में नौ विद्वानों की मण्डली थी ,जिसे नवरत्न कहा जाता था। जिसमें कालिदास,अमरसिंह आदि शामिल थे ।
13. कुमारगुप्त प्रथम (415-455 ई) के समय में नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी थी।
14. स्कंदगुप्त(455-467 ई) गुप्त वंश का अंतिम प्रतापी शासक था। उसने हुणों के आक्रमण को विफल किया था।
15. स्कन्दगुप्त ने भी चन्द्रगुप्त मौर्य के समय में निर्मित सुदर्शन झील का पुनरुद्धार करवाया।
16. गुप्तकालीन प्रशासन की सबसे छोटी इकाई ग्राम थी । जिसका प्रशासन ग्राफिक का हाथ में होता था।
17. कई गाँवों को मिलाकर पेठ बनते थे।
18. भारत में मन्दिरों का निर्माण गुप्त काल से शुरू हुआ। देवगढ़ का दशावतार मंदिर गुप्तकाल की कला का सबसे उत्कृष्ट मंदिर था ।
19. गुप्तकालीन बौद्ध गुफा मन्दिरों में अजंता वा बाघ की गुफाएँ प्रमुख है।
20. गुप्त शासकों की राजकीय वा अधिकारिक भाषा संस्कृत थी।
21. गुप्तकाल में भाग एवं भोग राजस्व कर था। भाग उपज का छठ हिस्सा होता था।जबकि भोग सब्जी तथा फलों के रूप में दी जाती थी।

Sunday, 3 March 2019

मौर्य साम्राज्य

                    मौर्य साम्राज्य
1. मौर्य वंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ई. पूर्व में हुआ था।
2. जस्टिन ने चन्द्रगुप्त मौर्य को सेन्ड्रोकोट्टस कहा है, जिसकी पहचान विलियम जोन्स ने चन्द्रगुप्त मौर्य से की है।
3. विशाखदत्त कृत मुद्राराक्षस में चन्द्रगुप्त मौर्य का लिए वृषल(निम्न कुल में उत्पन्न) शब्द का प्रयोग किया।
4. घनानंद को हराने में चाणक्य (कौटिल्य/विष्णुगुप्त) ने मदद की थी,जो बाद में चन्द्रगुप्त मौर्य का प्रधानमंत्री बना। इसके द्वारा लिखित पुस्तक अर्थशास्त्र है, जिसका संबंध राजनीति से है।
5. चन्द्रगुप्त मौर्य 322 ईसा पूर्व में मगध के गद्दी पर बैठा । चन्द्रगुप्त जैन धर्म का अनुयायी था।
6. चन्द्रगुप्त ने अपने अंतिम समय श्रवणबेलगोला नामक स्थान पर बिताया।
7. चन्द्रगुप्त ने 305 ई पूर्व में सेल्यूकस निकेटर को हराया।
8. सेल्यूकस निकेटर ने अपनी पुत्री कार्नेलिया की शादी चन्द्रगुप्त मौर्य के साथ कर दी और युद्ध की संधि शर्तों के अनुसार चार प्रांत काबुल, कन्धार, हेरात और मकरान चन्द्रगुप्त खी दे दिए।
9. चन्द्रगुप्त मौर्य ने जैनी धर्म गुरू भद्रबाहु से जैन धर्म की दीक्षा ली थी।
10. मेगास्थनीज सेल्यूकस निकेटर का राजदूत था,जो चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में रहता था।
11. मेगास्थनीज द्वारा लिखी गयी पुस्तक इंडिका है। मेगास्थनीज के अनुसार सम्राट का जनता के सामने आने के अवसरों पर शोभा यात्रा के रूप में जश्न मनाया जाता था।
12. चन्द्रगुप्त मौर्य और सेल्यूकस के बीच हुए युद्ध का वर्णन एप्पियानस ने किया है।
13. प्लूटार्क के अनुसार चन्द्रगुप्त मौर्य ने सेल्यूकस को 500 हाथी उपहार में दिए थे।
14. चन्द्रगुप्त मौर्य की मृत्यु 298 ईसा पूर्व में हुआ था।