HOME

Featured post

25 नवम्बर का इतिहास

♓🅰♉🚩🅾♏ *भारतीय एवं विश्व इतिहास में 25 नवंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ।* ☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆ 1667 - रूस के उत्तरी कॉकसस क्षेत्र के सेमाखा में ...

Friday, 23 December 2016

इतिहास के पन्नों में दर्ज 23 दिसंबर की महत्वपूर्ण पंक्तियाँ ।

♓🅰♉🚩🅾♏

*भारत एवं विश्व इतिहास में 23 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ.
यहाँ पढ़ें ===*अकबर की धार्मिक नीति* *प्रश्न: अकबर के धार्मिक विचारों की विवेचना करें।* अथवा *अकबर की सुलह- ए- कुल के विषय में आप क्या जानते हैं?* अथवा *अकबर की धार्मिक नीति का वर्णन करें* अथवा *दीन-ए-इलाही के संदर्भ में अकबर की धार्मिक नीति का परीक्षण करें।* अथवा *दीन-ए-इलाही अकबर की मूर्खता का प्रतीक था। उसकी बुद्धिमता का नहीं।"आलोचना करें।*l

1465- विजयनगर के शासक वीरूपक्ष द्वितीय तेलीकोटा की लडाई में अहमदनगर, बिदर, बीजापुर और गोलकोंडा की संयुक्त मुस्लिम सेना से पराजित हुए।
1672- खगोलविद जियोवनी कैसिनी ने शनि के उपग्रह ‘रिया’ की खोज की।
1797 – स्काटलैंड के भूवैज्ञानिक चार्ल्ज़ लायेल का जन्म हुआ। वे पहले व्यक्ति थे जिसने भूविज्ञान के वैज्ञानिक सिद्धांतों की नीव रखी।
1876- तुर्की में पहले संविधान की उद्घोषणा की गई।
1888 – मशहूर डच पेंटर विंसेंट फान गॉग का एक हादसे में कान कट गया। बाद में उन्होंने इस घटना को दिखाते हुए उन्होंने अपना एक पोर्टेट बनाया जो 'बैंडेज्ड इयर' के नाम से मशहूर है।
1894- रवीन्द्रनाथ टैगोर ने पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में पूस मेले का उद्घाटन किया।
1901- शांतिनिकेतन में ब्रह्मचर्य आश्रम को औपचारिक रूप से खोला गया।
1902 - चौधरी चरण सिंह, भारत के सातवें प्रधानमन्त्री।
1912- नई दिल्ली को देश की राजधानी घोषित करने के वास्ते वायसराय लार्ड हार्डिंग द्वितीय ने हाथी पर बैठकर शहर में प्रवेश किया लेकिन इस दौरान एक बम विस्फोट में वह घायल हो गए।
1914- प्रथम विश्व युद्ध: आस्ट्रलिया और न्यूजीलैंड की सेना मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंची।
1921- विश्व-भारती विश्वविद्यालय का उद्घाटन हुआ।
1922- बीबीसी रेडियो ने दैनिक समाचार प्रसारण शुरू किया।
1932 – मिल नामक एक अंग्रेज़ वैज्ञानिक ने पहली बार कृत्रिम रबड़ बनाया गया।
यहाँ पढे====-- लाॅर्ड काॅर्नवालिस ने शासन के क्षेत्र में कौन कौन से सुधार किए?उसने वारेन हेस्टिंग्स के कार्यों को कैसे पूरा किया ।
1948 – जापान की राजधानी टोकियो में एक अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के आदेश पर द्वितीय विश्व युद्ध के समय के जापान के ७ बड़े नेताओं को मृत्युदंड दिया गया।
19 दिसंबर का इतिहास यहाँ देखें ।
1954: आज ही के दिन बॉस्टन में दो जीवित लोगों के बीच पहला सफल किडनी प्रत्यारोपण हुआ.
[[[[[[
1954 में आज ही के दिन बॉस्टन में दो जीवित लोगों के बीच पहला सफल किडनी प्रत्यारोपण हुआ.


इस प्रत्यारोपण को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए डॉक्टर जोसेफ मरे को 1990 में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

23 दिसंबर को हुआ यह प्रत्यारोपण दो एक जैसे जुड़वां भाइयों रोनाल्ड हेरिक और रिचर्ड हेरिक के बीच हुआ था, जो एक ही जाइगोट या युग्मज के विकास से पैदा हुए थे. ऐसा इसलिए किया गया ताकि दाता की किडनी को ग्राही शरीर अस्वीकार न करे. किडनी ग्रहण करने वाले रिचर्ड हेरिक प्रत्यारोपण के बाद आठ साल तक जीवित रहे.

इससे पहले 17 जून 1950 को अमेरिका में पहला किडनी प्रत्यारोपण किया गया लेकिन 44 साल की रूथ टकर के शरीर ने 10 महीनों के अंदर ही किडनी को अस्वीकार कर दिया था. प्रत्यारोपण की सफलता के लिए शरीर में बाहरी अंग के लिए प्रतिरोधन को दबाने की तकनीक का इस्तेमाल जरूरी होता है. लेकिन उस समय तक यह (इम्यूनो सप्रेसिव) उपाय विकसित नहीं हुआ था. 1958 में पहली बार प्रत्यारोपण में इम्यूनो सप्रेसिव उपाय का इस्तेमाल किया गया.
]]]]]]]]]]]]]]]]
1968- मौसम संबंधी देश के पहले
 रॉकेट ‘मेनका’ का सफल प्रक्षेपण।
1969- चांद पर से लाए गए पत्थरों को राजधानी में आयोजित एक प्रदर्शनी में रखा गया।
18 दिसंबर का इतिहास जानने के लिए यहाँ जाए ।
1972: निकारागुआ की राजधानी मनागुआ में दो घंटे तक चले भूकंप ने जनजीवन तहस-नहस कर दिया और लगभग दस हजार लोग मारे गए.
[[[[[[

1972- निकारागुआ में भूकंप से तबाही
निकारागुआ की राजधानी मनागुआ में दो घंटे तक चले भूकंप ने जनजीवन तहस-नहस कर दिया और लगभग दस हज़ार लोग मारे गए.


शुरुआती ख़बरों में तो ये पता चला कि पूरे के पूरे इलाक़े तबाह हो गए और तक़रीबन 80 फ़ीसदी इमारतें ध्वस्त हो गईं. इसके बाद किसी के भी वहाँ बचे मिलने की संभावना काफ़ी कम हो गई थी.

रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.5 मापी गई थी और उसकी वजह से कई इमारतों में आग लग गई. इसके बाद ये भी आशंका हो गई कि बचे हुए लोग शायद आग की भेंट चढ़ गए हों.

उसके बाद से टेलिफ़ोन लाइनें ठप हैं. राहतकर्मी इलाक़े की सफ़ाई में लग गए जिससे टायफ़ॉइड जैसी बीमारियाँ न पैल सकें और सैकड़ों बेघर लोगों तक खाना और पानी पहुँचाया जा सके.

शहर के तीन मुख्य अस्पताल भी खंडहर में बदल गए. राहतकर्मियों ने अस्थाई क़ब्रों में लोगों को दफ़नाना शुरू किया जिससे बदबू न फैले.

शहर को ख़ाली करने का आदेश जारी किया गया और अधिकारियों ने उस इलाक़े को बंद करने की घोषणा की जिससे वहाँ साफ़-सफ़ाई का काम हो सके.

वहाँ बाद तक भी कई हल्के झटके महसूस किए गए और सड़क में दरारें भी पाई गईं. अधिकारियों ने बताया कि उन्हें चिकित्सा सहायता और बेहोशी की दवा की काफ़ी ज़रूरत थी.

निकारागुआ के पड़ोसी देशों अमरीका और मैक्सिको ने उसे राहत सामग्री भेजी.

मनागुआ में इससे पहले 76 वर्षों में दो बार भूकंप आ चुका है जिसके बाद ये भी चर्चा गर्म हो गई थी कि देश की राजधानी बदली जा सकती है.
]]]]]]]]]]]
1976 - सर शिवसागर रामगुलाम द्वारा मॉरिशस में मिली जुली सरकार का गठन।
*Q.अकबर महान की राजपूत नीति की विवेचना करें। उसकी यह नीति कहां तक सफल हुई?* अथवा *अकबर की राजपूत नीति का एक आलोचनात्मक विवरण प्रस्तुत करें एवं मुगल साम्राज्य पर इसके प्रभाव का परीक्षण करें।* इन सभी प्रश्नों का उत्तर यहाँ जाए कर देखें ।
1995: भारत में हरियाणा के डबवाली नगर में एक स्कूल में आयोजित वार्षिक कार्यक्रम के दौरान तंबू में आग लगने से 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई.
[[
23 दिसंबर 1995 को डबवाली में राजीव मैरिज पैलेस (अब अग्निकांड स्मारक स्थल) में डीएवी स्कूल का वार्षिक कार्यक्रम चल रहा था। इतने में बिजली की शॉर्ट सर्किट से पंडाल के गेट से लगी आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। हादसे में 442 लोगों की जान गई थी।

मृतकों में जिसमें 36 व्यस्क, 258 स्कूली बच्चे और 125 घरेलू महिलाएं व 13 अन्य थे, जबकि 88 लोग घायल हुए थे। बता दें कि कार्यक्रम में करीब दो हजार लोगों ने भाग लिया था। आग से झुलसे लोगों में से 30 ऐसे लोग हैं, जो अपाहिज हो गए।
((((())))))
1995- डबवाली आग दुर्घटना

भारत में हरियाणा के डबवाली नगर में एक स्कूल में आयोजित वार्षिक कार्यक्रम के दौरान तंबू में आग लगने से 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई.
इस दुर्घटना में डेढ़ सौ से ज़्यादा लोग घायल भी हुए थे. उस समय वहाँ लगभग डेढ़ हज़ार लोग मौजूद थे और मारे गए लोगों में से काफ़ी बच्चे भी थे.

दरअसल आग लगने के बाद लोगों में भगदड़ मच गई और वहाँ से बाहर निकलने का एक ही रास्ता था. आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई गई.

वहाँ आग बुझाने की भी कोई समुचित व्यवस्था नहीं थी और आग लगते ही तंबू में पूरी तरह फैल गई. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़ आगे वाले लोग बच्चों के साथ पीछे भागने लगे जबकि पीछे वाले लोग आगे अपने बच्चों तक पहुँचने की कोशिश कर रहे थे.

इस दुर्घटना ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया और स्कूल प्रबंधन की भी जवाबदेही तय करने की कोशिश हुई.
]]]

2000 - न्यूजीलैंड ने आस्ट्रेलिया को हराकर विश्व महिला क्रिकेट ख़िताब जीता।
2000- पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता का नाम आधिकारिक तौर बदलकर कोलकाता किया गया।
2002 - इस्रायली सेना के हटने तक फ़िलिस्तीन का चुनाव स्थगित।
2003 - इस्रायल ने गाजा पट्टी पर हमला किया।
20 दिसंबर ।इतिहास के पन्नों में क्यों है महत्वपूर्ण यहाँ पढ़ें ।

2004-:23 दिसंबर 2004 को एक छोटे से शहर का लड़का भारतीय टीम की नीली जर्सी पहन कर बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरा। लंबे-लंबे बॉल और अजीब सी चाल चलते हुए जब यह बल्लेबाज विकेट पर पहुंचा तो किसी ने नहीं सोचा था कि यह आगे चलकर ना सिर्फ भारतीय टीम का सबसे सफल कप्तान बनेगा बल्कि दुनिया का सबसे बेहतरीन फिनिशर भी कहलाएगा। जी हां बात कर रहे हैं भारत को दो बार विश्व विजेता बनाने वाले महेन्द्र सिंह धोनी की। आज ही के दिन धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। अपने 12 साल लंबे अपने करियर में धोनी ने भारतीय टीम को सफलता की नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया।
2004 में बांग्लादेश दौरे पर गई भारतीय टीम में धोनी को जगह दी गई थी। झारखंड के रांची शहर के इस लड़के ने घरेलू क्रिकेट में अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से काफी नाम बनाया था। इसके बाद भारत की ओर से खेलने का मौका दिया गया। बांग्लादेश के खिलाफ पहले वनडे मैच में धोनी सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए। उस समय टीम का स्कोर था 5 विकेट पर 180 रन। सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, युवराज सिंह जैसे बड़े खिलाड़ी पवेलियन में आराम फरमा रहे थे। एक अपेक्षाकृत कमजोर टीम के खिलाफ भारतीय टीम का यह स्कोर अच्छा बिल्कुल नहीं कहा जा सकता था।
ऐसे में धोनी पहली बार नीली जर्सी में भारत के लिए बल्लेबाजी करने उतरे। उनसे किसी को बहुत उम्मीदें तो नहीं थी लेकिन लोगों ने इस युवा बल्लेबाज की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी स्टाइल के बारे में सुना जरूर था। अंतिम ओवर चल रहे थे तो ये उम्मीद थी कि इस युवा बल्लेबाज के बल्ले से कुछ छक्के चौके जरूर देखने को मिल जाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। धोनी अपनी पहली पारी में सिर्फ एक गेंद खेल सके और रन आउट होकर पवेलियन लौट गए।
धोनी जिस तेजी के साथ विकेट पर पहुंचे थे उसी तेजी के साथ पवेलियन भी लौट गए। लेकिन उनके लिए संतोष सिर्फ इतना था कि वह अपनी गलती से नहीं बल्कि दूसरे छोर पर बल्लेबाज की गलतफहमी का शिकार होकर रन आउट हुए थे। धोनी ने बांग्लादेश के स्पिनर मोहम्मद रफीक की गेंद को लेग साइड में खेला और एक रन लेने के लिए तेजी से दूसरे छोर की तरफ दौड़ पड़े। दूसरे छोर पर खड़े मोहम्मद कैफ भी क्रीज से आगे बढ़े लेकिन जैसे ही उन्होंने देखा कि बांग्लादेश के फील्डर तापस बैश्य तेजी से गेंद पर झपट रहे हैं उन्होंने धोनी को वापस क्रीज में जाने को कहा।


विकेट की आधी दूरी तय कर चुके धोनी को वापस लौटना पड़ा लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और बांग्लादेश के विकेटकीपर खालिद मसूद स्टंप बिखेर चुके थे। धोनी को ना चाहते हुए अपने पहले मैच में शून्य के स्कोर पर रन आउट होकर पवेलियन लौटना पड़ा। हालांकि उनके शून्य पर आउट होने के बावजूद भारतीय टीम यह मैच जीत गई थी। इस पूरी सीरीज में धोनी बल्ले से कुछ खास नहीं कर सके। लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ अगली सीरीज में उन्होंने 148 रनों की पारी खेल कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
2005 - वामपंथी विरोधी लेक काकजिंस्की ने पौलैंड के राष्ट्रपति का पद भार ग्रहण किया।
2007 - पाकिस्तान में लगे आपातकाल को वहाँ की अदालत ने सही ठहराया।
2008- साफ्टवेयर कम्पनी सत्यम पर विश्व बैंक ने प्रतिबंध लगाया। विख्यात कथाकार गोविन्द मिश्र को उनके उपन्यास कोहरे के क़ैद रंग के लिए हिन्दी भाषा के साहित्य अकादमी पुरस्कार 2008 से नवाज़ा गया।
2016 -:
1. भारतीय वायुसेना खरीदेगी एक और बोइंग C17विमान, रक्षा खरीद परिषद ने दी मंजूरी।



दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना यानी भारतीय वायुसेना आने वाले वक्त में और शक्तिशाली बनने जा रही है। सरकार ने शुक्रवार को वायु सेना को एक और C17 भारी परिवहन विमान खरीदने की अनुमति दे दी। साथ ही 5500 करोड़ रुपये में 6 मल्टिपरपस समुद्री विमान खरीदने के लिए तटरक्षक बल के प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने डीआरडीओ के कामकाज की भी समीक्षा की और 1265 करोड़ रुपये की लागत से इन्फन्ट्री लड़ाकू विमानों के लिए स्वदेश में डिजाइन और विकसित 1500न्यूक्लियर बायलॉजिकल एंड केमिकल (एनबीसी) युद्ध संरक्षण प्रणाली की खरीद को भी मंजूरी दी। डीएसी ने 419करोड़ रुपये में 500 निम्न स्तर के हल्के रेडारों की खरीद के लिए सेना और वायुसेना के एक और प्रस्ताव को भी मंजूर किया।समझा जाता है कि विशेष बलों के लिए शस्त्र और गोलाबारूद खरीदने के लिए दो 'गोपनीय' प्रस्तावों और एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम से संबंधित एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी है।


2. हाइजैक किए गए लीबियाई प्‍लेन में सवार सभी यात्रियों को माल्‍टा में छोड़ा गया...


लीबिया से अपहृत कर माल्‍टा ले जाए गए अफ्रीकियाह एयरवेज के विमान में सवार सभी 111 यात्रियों को छोड़ दिया गया है. अभी सात अन्‍य क्रू सदस्‍यों को भी छोड़ा जा रहा है. रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है. इससे पहले माल्टा के प्रधानमंत्री जोसेफ मस्कट और सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी कि अपहृत विमान को भूमध्य सागर के द्वीप माल्टा में शुक्रवार को उतारा गया. विमान में 118 लोग (चालक दल के सात सदस्यों समेत) सवार थे. अफ्रीकियाह एयरवेज द्वारा परिचालित यह एयरबस ए-320 साबहा से राजधानी त्रिपोली की घरेलू उड़ान पर थी, लेकिन उसका मार्ग बदल दिया गया. जोसेफ मस्कट ने पहले ट्वीट किया, 'सबहा से त्रिपोली की अफ्रीकियाह की उड़ान का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया और विमान माल्टा में उतरा है. सुरक्षा सेवाएं अभियान का समन्वय कर रही हैं'. लीबिया ने इसकी पुष्टि की कि विमान का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया है. इससे पहले माल्टा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एमएआई) ने ट्वीट किया कि, 'एमआईए इसकी पुष्टि करता है कि हवाई अड्डे पर गैरकानूनी गतिविधि हुई है. आपात टीमें रवाना कर दी गई हैं'. हवाई पट्टी पर विमान को सैन्य वाहनों द्वारा घेराबंदी किए हुए देखा जा सकता है और सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. माल्टा सरकार के सूत्रों ने बताया कि विमान में एक अकेला अपहरणकर्ता है और उसने चालक दल के सदस्यों को बताया है कि उसके पास एक ग्रेनेड है. अपहरणकर्ता ने कहा कि वह अपनी मांगे माने जाने के बाद यात्रियों को रिहा कर देगा. मुअम्मर कज्जाफी को 2011 में सत्ता से हटाए जाने के बाद लीबिया में अराजकता की स्थिति है, क्योंकि मिलीशिया देश के अलग अलग क्षेत्रों पर नियंत्रण के लिए संघषर्रत हैं.


3. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी को बताया आर्थिक डकैती।

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में शुक्रवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी को आर्थिक डकैती बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने तीखे हमले जारी रखे। खास बात यह रही कि मोदी पर निशाना साधने के लिए राहुल ने फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन की फिल्म के एक गाने का भी जिक्र किया। इसके अलावा गुरुवार को यूपी के बहराइच में दिए भाषण की तरह कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यहां भी अपने संबोधन में शेरो-शायरी का इस्तेमाल किया। राहुल गांधी का लगभग पूरा भाषण यहां भी नोटबंदी पर ही केंद्रित रहा। उन्होंने कहा, 'मोदी जी चाहते हैं कि आपका पैसा बैंकों में जाए और उससे अमीरों के 8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया जाए। जैसे अमिताभ बच्चन जी की फिल्म का एक गाना था...राम राम जपना, गरीब का माल अपना।'बता दें कि किसी वक्त में काफी करीब रहे गांधी परिवार और बच्चन परिवार के बीच अब रिश्ते अच्छे नहीं माने जाते हैं,फिर भी राहुल ने अपने भाषण में अमिताभ बच्चन का जिक्र किया। नोटबंदी को आर्थिक डकैती करार देते हुए राहुल ने कहा, 'मोदी जी ने मजदूरों की मेहनत की कमाई जलाई...ट्रांसपॉर्ट, पर्यटन के बिजनस को नष्ट कर दिया। किसान कर्ज नहीं दे पाता है तो उसका घर ले लेते हैं और एक प्रतिशत अमीरों का कर्ज नॉन परफॉर्मिंग असेट बना देते हैं। गरीबों से पैसा खींचो और अमीरों को सींचो।' उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, 'लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में,तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में।' राहुल ने दावा किया नोटबंदी के चलते लोगों को हो रही परेशानी जल्द दूर नहीं होने वाली। उन्होंने कहा, 'मोदी जी ने कहा था कि 50 दिन में काम शुरू हो जाएगा, लेकिन 6-7 महीने से पहले स्थिति सामान्य नहीं होगी।'


4. बर्लिन ट्रक हमला मामले के संदिग्ध को मार गिराया गया।

भयावह बर्लिन ट्रक हमले के संदिग्ध ट्यूनिशियाई व्यक्ति को आज पुलिस ने मिलान में मार गिराया। सुरक्षा स्रोतों के हवाले से इतावली मीडिया ने यह जानकारी दी। खबरों के मुताबिक संदिग्ध अनीस अमरी की कार को रोजमर्रा की पड़ताल के दौरान तड़के तीन बजे रोका गया था। इस पर उसने पिस्तौल निकाल ली, इस दौरान गोलीबारी में उसे मार गिराया गया। सोमवार को हुए हमले के बाद से अमरी फरार था। इस हमले में 12 लोगों की मौत हो गई थी। ट्यूनिशिया से वह वर्ष2011 में यहां आया था। यहां आने के कुछ ही समय बाद एक शरणार्थी केंद्र में आग लगाने के मामले में उसे जेल की सजा हो गई थी। उसे 2015 में रिहा कर दिया गया था जिसके बाद वह जर्मनी पहुंच गया।


5. नोटबंदी कर भारत सरकार ने अपनी मुद्रा के साथ जो किया, वह वीभत्स और अनैतिक : फोर्ब्स।

न इंसानी फितरत कभी बदली है, न बदलेगी, और गलत काम करने वाले लोग गलत काम करते रहने का रास्ता ढूंढ ही लेते हैं, इसलिए भारत सरकार द्वारा भ्रष्टाचार, काले धन और आतंकवाद के साये से निजात पाने के लिए उठाए गए नोटबंदी के कदम से कुछ हासिल नहीं हो पाएगा. यह कहना है विश्वप्रसिद्ध पत्रिका 'फोर्ब्स' के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ स्टीव फोर्ब्स का. उन्होंने अपने संपादकीय में लिखा है कि ग्रह के आबाद होने के वक्त से ही इंसानी फितरत नहीं बदली है. गलत काम करने वाले कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेते हैं. आतंकवादी सिर्फ करेंसी बदल देने की वजह से अपनी बुरी हरकतें बंद नहीं कर देंगे, और धन का डिजिटाइज़ेशन होने में काफी वक्त लगने वाला है, वह भी उस स्थिति में, जब फ्री मार्केट की अनुमति दे दी जाएगी. स्टीव फोर्ब्स के मुताबिक टैक्स चोरी से बचने का सबसे आसान उपाय एकसमान टैक्स दर, या कम से कम एक सरल और कम दर वाली टैक्स प्रणाली लागू करना होता है, जिसके बाद टैक्स चोरी करना ही व्यर्थ लगने लगे. स्टीव के मुताबिक कानूनन व्यापार करना आसान कर देंगे, तो ज़्यादातर लोग सही व्यापार करेंगे. स्टीव फोर्ब्स का कहना है कि भारत इस समय नकदी के खिलाफ सरकारों के दिमाग में चढ़ी सनक का सबसे चरम उदाहरण है. बहुत-से देश बड़ी रकम के नोटों को बंद करने की दिशा में बढ़ रहे हैं, और वही तर्क दे रहे हैं,जो भारत सरकार ने दिए हैं, लेकिन इसे समझने में कोई चूक नहीं होनी चाहिए कि इसका असली मकसद क्या है - आपकी निजता पर हमला करना और आपकी ज़िन्दगी पर सरकार का ज़्यादा से ज़्यादा नियंत्रण थोपना. स्टीव फोर्ब्स के अनुसार, भारत सरकार का यह घोर कृत्य अनैतिक भी है,क्योंकि मुद्रा वह वस्तु है, जो लोगों द्वारा बनाई गई वस्तुओं का प्रतिनिधित्व करती है. मुद्रा बिल्कुल वैसा ही वादा होती है,जैसा कोई सिनेमा या कार्यक्रम में शामिल टिकट होती है, जो आपको सीट मिलने की गारंटी देती है. इस तरह के संसाधन सरकारें नहीं, लोग पैदा करते हैं. जो भारत ने किया है, वह लोगों की संपत्ति की बहुत बड़े पैमाने पर चोरी है, जो लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार द्वारा किए गए होने की वजह से ज़्यादा चौंकाती है. ऐसा कुछ वेनेज़ुएला जैसे देश में होता, तो शायद इतनी हैरानी नहीं होती. और इससे भी कोई हैरानी नहीं होती कि सरकार इस सच्चाई को छिपा रही है कि इस एक कदम से एक ही झटके में दसियों अरब डॉलर का नुकसान होने जा रहा है. अब भारत को ग्लोबल पॉवरहाउस बनने के लिए जो काम निश्चित रूप से करना चाहिए, वह है इन्कम तथा बिज़नेस टैक्स की दरों को घटा दे,और समूचे टैक्स ढांचे का सरलीकरण करे, रुपये को स्विस फ्रैंक जितनी शक्तिशाली मुद्रा बना दे, और नियमों को कम से कम कर दे, ताकि बिना किसी लागत के भी कुछ ही मिनटों में नया व्यापार शुरू किया जा सके.


6. राष्ट्रपति ने आर्थिक फ्रंट पर पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ की।

नोटबंदी को लेकर भले ही विपक्ष मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर हमला कर रहा है पर राष्ट्रपति सरकार के साथ हैं। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आर्थिक फ्रंट पर अच्छे नेतृत्व के लिए पीएम की तारीफ की है। राष्ट्रपति ने कहा कि जिस समय पूरी दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं मुश्किल से आगे बढ़ रही हैं उस समय भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। हैदराबाद में व्यवसाय जगत से जुड़ी हस्तियों के एक बड़े समूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने मोदी सरकार की नीतियों को सराहा। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा, 'भारत ने हाल में ब्रिटेन जैसी अर्थव्यवस्था को भी पीछे छोड़ दिया। अब भारत की अर्थव्यवस्था विकास के शीर्ष पर है।' प्रणव मुखर्जी ने पीएम मोदी द्वारा उठाए गए आर्थिक सुधारों के कदमों की तारीफ की। राष्ट्रपति ने कहा कि ये कदम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलेंगे। उन्होंने लोगों से जुड़ी बेसिक चीजों जैसे स्वास्थ्य,शिक्षा, रोजगार और खाद्यान्न पर सामूहिक रूप से काम करने की जरूरत पर बल दिया।


7. हार्दिक ने कहा अरेस्ट हुआ, पुलिस का इनकार।


गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर दावा किया कि राजस्थान के जयपुर में उनकी गिरफ्तारी हुई। लेकिन, जयपुर शहर पुलिस ने गिरफ्तारी की बात से इनकार करते हुए कहा कि हार्दिक की हिफाजत के लिए पुलिस उनके साथ थी, न कि गिरफ्तारी के लिए। पटेल ने जयपुर हवाईअड्डे पर उतरने के बाद गिरफ्तारी की बात कही थी। लेकिन, पुलिस अधिकारी ने उनसे कहा था कि उनके जीवन को खतरा होने की वजह से सावधानी के तौर पर यह कदम उठाया गया है। हार्दिक का बयान था कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन्हें बताया था कि ऊपर से उनकी गिरफ्तारी का आदेश है। लेकिन, इस तरह की किसी भी गिरफ्तारी से जयपुर पुलिस ने इनकार किया है। जयपुर (पूर्वी) के पुलिस उपायुक्त कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया, 'हमने न उन्हें (हार्दिक) हिरासत में लिया था और न गिरफ्तार किया था। हमने कुछ सुरक्षा कारणों से उन्हें सिर्फ रक्षक दल की सुविधा दी थी।' पुलिस अधिकारी ने कहा कि यदि पटेल की गिरफ्तारी हुई होती या उन्हें हिरासत में लिया गया होता तो उनका ट्वीट कर पाना भी संभव नहीं होता।


8. रूपा गांगुली को पड़ा सेरिब्रल अटैक, अस्पताल में भर्ती।

अभिनेत्री से नेत्री बनीं राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली को सेरिब्रल अटैक हुआ है। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक रूपा को इस अटैक के चलते अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है। रूपा को कोलकाता के साल्ट लेक इलाके स्थित अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। अभिनेत्री एवं बीजेपी की सदस्य रूपा गांगुली को अक्टूबर में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था। उन्होंने सुपरहिट धारावाहिक ‘महाभारत’ में द्रौपदी का किरदार अदा किया था। रूपा ने बीजेपी के टिकट पर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाई थी, पर वह हार गईं थीं।  राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रूपा गांगुली को उस सीट के लिए नॉमिनेट किया था, जो कि क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिहं सिद्धू के बीजेपी छोड़ने पर खाली हुई थी।


9. सीबीआइ ने सीएम हरीश रावत को भेजा समन, 26दिसंबर को होगी पूछताछ।

सीडी स्टिंग मामले में सीबीआइ ने सीएम हरीश रावत को शुक्रवार को समन भेजा है। सीबीआइ ने उन्हें 26 दिसंबर को पूछताछ के लिए सीबीआई मुख्यालय दिल्ली में उपस्थित होने को कहा है। मुख्यमंत्री हरीश रावत की विधायकों की खरीद फरोख्त से सम्बंधित स्टिंग मामले में मुश्किल बढ़ सकती है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने 26 दिसंबर को इस मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा है। यह पूछताछ26 दिसंबर को सीबीआई मुख्यालय दिल्ली में होगी। इधर,हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए अगली तिथि सात जनवरी नियत कर दी। न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकलपीठ में मुख्यमंत्री के अधिवक्ता ने सुनवाई जल्द करने का आग्रह किया। जिसका केंद्र, सीबीआई के अधिवक्ता ने विरोध किया।


10. फोर्ब्स इंडिया की सेलिब्रिटी-100 लिस्ट जारी,सलमान टॉप पर, विराट फेम में नंबर वन

फोर्ब्स इंडिया ने साल 2016 के लिए अपनी सेलिब्रिटी-100लिस्ट जारी कर दी है. फोर्ब्स इंडिया की इस सेलिब्रिटी-100लिस्ट के टॉप टेन में जहां 7 बॉलीवुड सितारे हैं तो वहीं 3क्रिकेटरों ने भी अपना स्थान बनाया है. फोर्ब्स इंडिया की इस ताजा लिस्ट में टॉप टेन सेलिब्रिटीज पर नजर डालें तो उनमें सलमान से लेकर शाहरुख और सचिन से लेकर धोनी सभी को शामिल किया गया है. 270 करोड़ रुपए की कमाई के साथ सलमान खान को नंबर वन सेलिब्रिटी का स्थान मिला है, जबकि उनका फेम रैंक 2 है. फोर्ब्स इंडिया के अनुसार,फेम के मामले में क्रिकेटर विराट कोहली जहां सलमान से भी आगे हैं, वहीं कमाई वह उनसे पीछे हैं. इस लिस्ट के अनुसार,बिग बी का क्रेज अब भी बरकरार है, फेम के मामले में वह5वें नंबर रहे जबकि उनकी कुल कमाई सिर्फ 32.62 करोड़ ही रही. लिस्ट में 221.75 करोड़ की कमाई के साथ शाहरुख खान को दूसरे पायदान पर रखा गया है. क्रिकेटर विराट कोहली तीसरे, अक्षय कुमार चौथे और महेंद्र सिंह धोनी पांचवें, दीपिका पादुकोण छठे, सचिन तेंदुलकर सातवें,प्रियंका चोपड़ा आठवें, अमिताभ बच्चन नौवें और ऋतिक रोशन दसवें नंबर पर रहे. कमाई के साथ साथ रैंकिंग के लिए फेम यानि टीवी, अखबार, फेसबुक और ट्विटर पर नाम की चर्चा को भी आधार बनाया गया है.

21 दिसम्बर का इतिहास पढ़ना ना भूलें ।
23 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति===
1899 - रामवृक्ष बेनीपुरी - भारत के प्रसिद्ध उपन्यासकार, कहानीकार, निबंधकार, नाटककार, क्रान्तिकारी, पत्रकार और संपादक।
1902 - चौधरी चरण सिंह - भारत के
पाँचवें प्रधानमंत्री, जो किसानों की आवाज़ बुलन्द करने वाले प्रखर नेता माने जाते थे। भारत के 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म नूरपुर उत्तर प्रदेश में हुआ।

23 दिसंबर को हुए निधन=====
2000 - नूरजहाँ - प्रसिद्ध अभिनेत्री और गायिका, जिन्होंने भारतीय और पाकिस्तानी सिनेमा में कार्य किया।
2004 - पामुलापति वेंकट नरसिंह राव - भारत के पूर्व प्रधानमंत्री का निधन।
1926 - स्वामी श्रद्धानन्द - भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, दलितों के हितैषी तथा स्त्री शिक्षा के समर्थक की हत्या ।

23 दिसंबर के महत्त्वपूर्ण अवस र एवं उत्सव===----
किसान दिवस (चरण सिंह का जन्म दिवस).
[[[[

किसान दिवस 23 दिसंबर को
किसान दिवस भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की जयंती 23 दिसंबर को मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंह किसानों के सर्वमान्य नेता थे। उन्होंने भूमि सुधारों पर काफ़ी काम किया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में और केन्द्र में वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने गांवों और किसानों को प्राथमिकता में रखकर बजट बनाया था। उनका मानना था कि खेती के केन्द्र में है किसान, इसलिए उसके साथ कृतज्ञता से पेश आना चाहिए और उसके श्रम का प्रतिफल अवश्य मिलना चाहिए।

किसानों का महत्त्व
किसान हर देश की प्रगति में विशेष सहायक होते हैं। एक किसान ही है जिसके बल पर देश अपने खाद्यान्नों की खुशहाली को समृद्ध कर सकता है। देश में राष्ट्रपिता गांधी जी ने भी किसानों को ही देश का सरताज माना था। लेकिन देश की आज़ादी के बाद ऐसे नेता कम ही देखने में आए जिन्होंने किसानों के विकास के लिए निष्पक्ष रूप में काम किया। ऐसे नेताओं में सबसे अग्रणी थे देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह। पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह को किसानों के अभूतपूर्व विकास के लिए याद किया जाता है। चौधरी चरण सिंह की नीति किसानों व ग़रीबों को ऊपर उठाने की थी। उन्होंने हमेशा यह साबित करने की कोशिश की कि बगैर किसानों को खुशहाल किए देश व प्रदेश का विकास नहीं हो सकता। चौधरी चरण सिंह ने किसानों की खुशहाली के लिए खेती पर बल दिया था। किसानों को उपज का उचित दाम मिल सके इसके लिए भी वह गंभीर थे। उनका कहना था कि भारत का संपूर्ण विकास तभी होगा जब किसान, मज़दूर, ग़रीब सभी खुशहाल होंगे।
किसानों के मसीहा
किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसम्बर, 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले में हुआ था। चौधरी चरण सिंह के पिता चौधरी मीर सिंह ने अपने नैतिक मूल्यों को विरासत में चरण सिंह को सौंपा था। चौधरी साहब ने किसानों, पिछड़ों और ग़रीबों की राजनीति की। उन्होंने खेती और गाँव को महत्व दिया। वह ग्रामीण समस्याओं को गहराई से समझते थे और अपने मुख्यमंत्रित्व तथा केन्द्र सरकार के वित्तमंत्री के कार्यकाल में उन्होंने बजट का बड़ा भाग किसानों तथा गांवों के पक्ष में रखा था। वे जातिवाद को ग़लामी की जड़ मानते थे और कहते थे कि जाति प्रथा के रहते बराबरी, संपन्नता और राष्ट्र की सुरक्षा नहीं हो सकती है। आज़ादी के बाद चौधरी चरण सिंह पूर्णत: किसानों के लिए लड़ने लगे। चौधरी चरण सिंह की मेहनत के कारण ही ‘‘जमींदारी उन्मूलन विधेयक” साल 1952 में पारित हो सका। इस एक विधेयक ने सदियों से खेतों में ख़ून पसीना बहाने वाले किसानों को जीने का मौका दिया। दृढ़ इच्छा शक्ति के धनी चौधरी चरण सिंह ने प्रदेश के 27000 पटवारियों के त्यागपत्र को स्वीकार कर ‘लेखपाल‘ पद का सृजन कर नई भर्ती करके किसानों को पटवारी आतंक से मुक्ति तो दिलाई ही, प्रशासनिक धाक भी जमाई। लेखपाल भर्ती में 18 प्रतिशत स्थान हरिजनों के लिए चौधरी चरण सिंह ने आरक्षित किया था।उत्तर प्रदेश के किसान चरण सिंह को अपना मसीहा मानने लगे थे। उन्होंने समस्त उत्तर प्रदेश में भ्रमण करते हुए कृषकों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाक़ों में कृषि मुख्य व्यवसाय था। कृषकों में सम्मान होने के कारण इन्हें किसी भी चुनाव में हार का मुख नहीं देखना पड़ा।
]]]]]]
22 दिसम्बर का इतिहास यहाँ जा कर जरूर देखें ।

No comments:

Post a Comment