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इतिहास के पन्नों में दर्ज 03 जनवरी की महत्वपूर्ण पंक्तियाँ ।
01 जनवरी का इतिहास यहाँ पढ़ें ।
1833: ब्रिटेन ने दक्षिण अटलांटिक के फॉकलैंड द्वीप पर कब्जा जमाया.
1894 - रवीन्द्र नाथ टैगोर ने शांति निकेतन में 'पौष मेला' का उद्घाटन किया।
1901 - शांति निकेतन में ब्रह्मचर्य आश्रम खुला।
1929 - महात्मा गांधी लॉर्ड इरविन से मिले।
1968 - देश का पहला मौसम विज्ञान राकेट 'मेनका' का प्रक्षेपण।
1980: अफगान नेता ने अफगानिस्तान पर हुए सोवियत हमले का बचाव किया.
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1980: अफ़ग़ान नेता ने सोवियत हमले का बचाव किया.
अफ़गानिस्तान युद्ध 1989 तक चला.
अफ़ग़ानिस्तान में सोवियत सेना की मदद से हुए सत्ता परिवर्तन के बाद आज ही के दिन राष्ट्रपति बाबरक कर्मल ने पहली बार लोगों को संबोधित किया.
उन्होंने विदेशी पत्रकारों को बताया कि सोवियत सेना देश पर मंडरा रहे खतरों से देश को बचाने आई हैं.
वर्ष 1945 के बाद पूर्वी ब्लॉक के बाहर ये पहला सोवियत सैन्य हमला था.
इस हमले के बाद अमरीका और सोवियत संघ के बीच शांति और बातचीत के माहौल में रुकावट आगई थी. अमरीका ने ख़ुद को हथियारबद्ध करना शुरू किया.
सोवियत संघ पर कार्रवाई करने का आंतरिक और बाहरी दबाव था. सोवियत कार्रवाई को अमरीका और संयुक्त राष्ट्र संघ के 12 दूसरे सदस्यों ने हमला बताया.
सिर्फ़ पूर्वी जर्मनी और अफ़ग़ानिस्तान ने सोवियत संघ का साथ दिया. शीत युद्ध में अफ़ग़ानिस्तान एक महत्वूर्ण युद्धक्षेत्र बन गया था. दोनो महाशक्तियों ने अफ़ग़ानिस्तान में हथियारों की भरमार कर दी.
अफ़ग़ानिस्तान युद्ध 1989 तक चला और एक करोड़ तीस लाख की जनसंख्या वाले इस देश में दस लाख लोग मारे गए. साथ ही क़रीब 50 लाख शरणार्थी बनने पर मजबूर हुए.
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1993 - अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश एवं रूस के राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन द्वारा 'स्टार्ट द्वितीय' संधि पर हस्ताक्षर किया गया।
अमेरिका और रूस ने परमाणु हथियारों को सीमित करने संबंधी संधि (स्ट्रैटेजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रिटी) यानी स्टार्ट 2 पर हस्ताक्षर किए थे.
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1993: अमरीका और रूसी गणतंत्र में परमाणु हथियारों को आधा करने पर सहमति
स्टार्ट संधि का मक़सद परमाणु हथियारों को कम करना था.
आज ही के दिन अमरीका और रूसी गणतंत्र में समझौता हुआ कि वो 3,000 से 3,500 परमाणु हथियारों को नष्ट कर देंगे.
वर्ष 2001 में दोनो देशों ने स्टार्ट 1 संधि की शर्तों को पूरा किया था.
वर्ष 1996 में अमेरिकी कांग्रेस ने स्टार्ट 2 संधि को पास किया था. इन संधियों का मक़सद परमाणु हथियारों की संख्या को घटाना था.
इस संधि के अंतर्गत यूक्रेन और कज़ाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों को रूस को दे दिया था.
वर्ष 1997 में अमरीका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और रूस के राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन को इस संधि की सीमारेखा को 2007 तक आगे बढ़ाना पड़ा.
वर्ष 2000 में रूस की संसद आखिरकार स्टार्ट 2 पर सहमत हो गई लेकिन स्टार्ट 3 को त्यागने का निर्णय किया गया.
वर्ष 2002 में अमरीका के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुटिन ने स्ट्रैटजिक ऑफ़ेंसिव रिडक्शंस ट्रीटी पर हस्ताक्षर किए. इसे मॉस्को समझौता के नाम से भी जाना जाता है.
इस संधि का लक्ष्य है कि वर्ष 2012 तक परमाणु हथियारों की संख्या को 7,000 से घटाकर 2,200 कर दिया जाए.
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1995 - हरियाणा के डबवाली में एक स्कूल में लगी भीषण आग में 360 लोगों की मौत।
1998 - अल्जीरियाई इस्लामी विद्रोह में 412 लोगों की हत्या।
2000 - कलकत्ता का नाम आधिकारिक रूप से कोलकाता रखा गया।
2002 - काठमाण्डू में दक्षेस विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान बेनकाब, भारत ने आतंकवादियों व अपराधियों के ख़िलाफ़ सबूत सार्वजनिक किए।
2004 - 12वें सार्क सम्मेलन में भाग लेने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इस्लामाबाद पहुँचे।
2005 - यूएसए ने तमिलनाडु में सुनामी पीड़ितों को साफ़ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 6.2 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की।
2007 - चीन की मारग्रेट चान ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक पद की कमान सम्भाली।
2008 -
बिजली उपकरण इंडो एशियन फ्युजगीयर लिमिटेड ने उत्तराखण्ड में हरिद्वार में 40 करोड़ रुपये के निवेश से नया अत्याधुनिक विचारगियर संयंत्र खोलने की घोषणा की।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 15 सदस्यीय टीम में लीबिया, वियतनाम, क्रोएशिया, कोस्टारिका और बुर्किनाफासो का पांच नये अस्थायी सदस्यों के रूप में चयन किया गया।
2009 - राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभा में विश्वास मत हासिल किया।
2017
1. अखिलेश के साथ सपा के 90% MLA; मोटरसाइकिल के सिंबल पर भर सकते हैं हामी
लखनऊ/नई दिल्ली. समाजवादी पार्टी में चल रही कलह के बीच अखिलेश यादव कैम्प मंगलवार को चुनाव आयोग पहुंचा। आयोग पहुंचे नेताओं में रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल और किरणमय नंदा हैं। सूत्रों की मानें तो अगर अखिलेश को 'साइकिल' चुनाव चिह्न नहीं मिलता है तो वे मोटरसाइकिल को सिंबल के तौर पर अपना सकते हैं। इस बीच, मुलायम की अखिलेश से फोन पर बात हुई। नेताजी लखनऊ लौट रहे हैं।
उधर, मुलायम सिंह यादव ने शनिवार को 393 कैंडिडेट्स की मीटिंग बुलाई। लेकिन उनके यहां सिर्फ 17 विधायक और 103 उम्मीदवार पहुंचे। बाद में यह मीटिंग रद्द हो गई। अखिलेश के घर हुई मीटिंग में 224 में से 207 विधायक शामिल हुए। 37 एमएलसी और 53 कैंडिडेट्स भी शामिल हुए। इस लिहाज से अखिलेश के पास 90% MLA हैं।
2. मायावती ने कहा- नोटबंदी अपरिपक्व फैसला, पीएम मोदी को सद्बुद्धि आए
लखनऊ। बीएसपी प्रमुख मायावती ने एक बार फिर नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी पर हमला किया है. लखनऊ में संवाददाता सम्मेलन में मायावती ने कहा कि नोटबंदी काला अध्याय है. उन्होंने कहा कि ये अपरिपक्व फैसला था, पीएम मोदी को सद्बुद्धि आए। मायावती ने कहा कि लखनऊ रैली में भाड़े के लोग इकट्ठा किए गए थे.
3. बारामूला में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़, एक आतंकवादी ढेर
श्रीनगर। उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिला स्थित सोपोर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में आज एक अज्ञात आतंकवादी मारा गया. फिलहाल वहां कुछ और आतंकियों के छिपे होने की सूचना है इसलिए तलाशी अभियान जारी है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में आतंकवादियों की गतिविधि की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने बीती रात अभियान चलाया. उन्होंने कहा कि तड़के कुछ संदिग्ध गतिविधि दिखने पर सुरक्षाबलों ने संबंधित लोगों को चेतावचनी दी जिन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी. अधिकारी ने कहा, जवाबी कार्रवाई में एक आतंकवादी मारा गया.
4. 31 जनवरी से शुरू होगा संसद का सत्र, 1 फरवरी को पेश किया जाएगा बजट
नई दिल्ली। संसदीय मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) की मंगलवार को संसद भवन में बैठक हुई. संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा. आम तौर पर बजट सत्र फरवरी के आखिरी सप्ताह में बुलाया जाता है लेकिन इस साल बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा. बजट सत्र का पहला सेशन 31 जनवरी से 9 फरवरी तक होगा. 31 जनवरी को राष्ट्रपति संसद के दोनों सत्रों को संबोधित करेंगे. वहीं आर्थिक सर्वेक्षण 31 जनवरी को लाया जाएगा.
5. लागू होने के करीब पहुंचा PAK का ऐतिहासिक हिंदू मैरिज बिल
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के विवाह के नियमन का बहुप्रतीक्षित विधेयक 'हिंदू मैरिज बिल 2016' वास्तविकता के करीब पहुंच गया है. सीनेट की एक समिति ने इस ऐतिहासिक मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी है. करीब चार महीने पहले ही इस बिल को नेशनल असेंबली में पारित किया गया था. हिंदू विवाह विधेयक 2016 संसद के ऊपरी सदन सीनेट में पारित होने के बाद कानून बन जाएगा. मानवाधिकार पर सीनेट की संचालन समिति ने सर्वसम्मति से बहुप्रतीक्षित हिंदू विवाह विधेयक को मंजूरी दी जिससे इसके सीनेट में पेश करने का रास्ता साफ हो गया. मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के सीनेटर नसरीन जलील के नेतृत्व में सीनेट समिति ने इस विधेयक पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दी.
6.चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर आज हुए रिटायर, जानें उनके लिए अहम फैसले।
नई दिल्लीः “मैं कोर्ट में और कोर्ट से बाहर बड़ी बेबाकी से बोलता हूँ. जहाँ तक आ गया हूँ, उससे आगे जाने की ख्वाहिश नहीं. इसलिए दिल से बोलता हूँ.” जस्टिस टी एस ठाकुर के बारे में समझने के लिए उनके भाषण का ये हिस्सा काफी है.
65 साल के तीरथ सिंह ठाकुर आज सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हो रहे हैं. आज जैसे ही वो सभी मामलों को सुन कर उठने लगे, वकीलों ने उनके सहज और विनम्र बर्ताव की तारीफ शुरू कर दी. केंद्र सरकार के सबसे बड़े वकील एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, “हम सब वकीलों को आपकी कमी खलेगी. खासतौर पर आपकी शेर ओ शायरी हम मिस करेंगे.”
वैसे, सरकार को शायद सबसे ज़्यादा खटकने वाला उनका शेर ये था –
“गुल फेंके है औरों की तरफ़ बल्कि समर भी.
ऐ ख़ानाबर अंदाज़-ए-चमन कुछ तो इधर भी”
15 अगस्त के मौके पर इस शेर के जरिए जस्टिस ठाकुर ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को याद दिलाया कि न्यायपालिका जजों और बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रही है. इसे लेकर सरकार की कोशिशें नाकाफी हैं.
न्यायपालिका के मुखिया के तौर पर जस्टिस ठाकुर लगातार सरकार के साथ टकराव की मुद्रा में रहे. पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में एक कार्यक्रम के दौरान वो जजों की कम संख्या का मसला उठाते हुए बेहद भावुक हो गए थे. इससे पहले कभी भी किसी चीफ जस्टिस को इस तरह से भावुक होते नहीं देखा गया था.
जस्टिस ठाकुर ने कॉलेजियम के ज़रिये भेजे गए नामों को बतौर जज नियुक्त न किए जाने पर संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू कर दी. आमतौर पर नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच का प्रशासनिक मसला होता है. इस पर बकायदा न्यायिक सुनवाई कर देना एक ऐसा कदम था, जिसके बारे में कभी सोचा भी नहीं गया था. अपने कार्यकाल के आखिरी दिन तक ठाकुर इस मसले पर सरकार के साथ टकराव की मुद्रा में ही रहे.
वैसे, टकराव और शेर ओ शायरी से अलग एक जज के रूप में जस्टिस टी एस ठाकुर ने कई ऐसे फैसले लिए जिन्हें लंबे अरसे तक याद रखा जाएगा. बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के की पद से छुट्टी ऐसा ही एक फैसला था. लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू करने में अड़चन डाल रहे दोनों पदाधिकारियों को उन्होंने कई बार आगाह किया. आखिरकार, दोनों को उनके पद से हटाने का आदेश दे दिया.
जस्टिस ठाकुर 3 दिसंबर 2015 को चीफ जस्टिस बने थे. चीफ जस्टिस बनने के कुछ दिनों के अंदर उन्होंने दिल्ली-एनसीआर में 2000 सीसी की डीज़ल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी. लगभग 5 महीने तक ये रोक जारी रही. बाद में गाड़ियों की बिक्री पर एन्वायरनमेंट कंपनसेशन सेस लगा कर इस पाबंदी को हटाया गया. पर्यावरण को लेकर फिक्रमंद रहने वाले जस्टिस ठाकुर दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर भी रोक लगा चुके हैं.
अपनी उदारता के लिए पहचाने जाने वाले जस्टिस टी एस ठाकुर ने जैन धर्म के पर्व पर्यूषण के दौरान मुंबई में मांस की बिक्री पर रोक लगाए जाने को मंज़ूर करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा, “सभी समुदाय अपनी धार्मिक मान्यताओं को लेकर स्वतंत्र हैं. किसी को मांस ज़बरन नहीं खिलाया जा सकता. लेकिन दूसरे की रसोई में क्या पक रहा है, ये झांकने की किसी को ज़रूरत नहीं है.”
65 साल के तीरथ सिंह ठाकुर आज सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हो रहे हैं. आज जैसे ही वो सभी मामलों को सुन कर उठने लगे, वकीलों ने उनके सहज और विनम्र बर्ताव की तारीफ शुरू कर दी. केंद्र सरकार के सबसे बड़े वकील एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, “हम सब वकीलों को आपकी कमी खलेगी. खासतौर पर आपकी शेर ओ शायरी हम मिस करेंगे.”
वैसे, सरकार को शायद सबसे ज़्यादा खटकने वाला उनका शेर ये था –
“गुल फेंके है औरों की तरफ़ बल्कि समर भी.
ऐ ख़ानाबर अंदाज़-ए-चमन कुछ तो इधर भी”
15 अगस्त के मौके पर इस शेर के जरिए जस्टिस ठाकुर ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को याद दिलाया कि न्यायपालिका जजों और बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रही है. इसे लेकर सरकार की कोशिशें नाकाफी हैं.
न्यायपालिका के मुखिया के तौर पर जस्टिस ठाकुर लगातार सरकार के साथ टकराव की मुद्रा में रहे. पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में एक कार्यक्रम के दौरान वो जजों की कम संख्या का मसला उठाते हुए बेहद भावुक हो गए थे. इससे पहले कभी भी किसी चीफ जस्टिस को इस तरह से भावुक होते नहीं देखा गया था.
जस्टिस ठाकुर ने कॉलेजियम के ज़रिये भेजे गए नामों को बतौर जज नियुक्त न किए जाने पर संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू कर दी. आमतौर पर नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच का प्रशासनिक मसला होता है. इस पर बकायदा न्यायिक सुनवाई कर देना एक ऐसा कदम था, जिसके बारे में कभी सोचा भी नहीं गया था. अपने कार्यकाल के आखिरी दिन तक ठाकुर इस मसले पर सरकार के साथ टकराव की मुद्रा में ही रहे.
वैसे, टकराव और शेर ओ शायरी से अलग एक जज के रूप में जस्टिस टी एस ठाकुर ने कई ऐसे फैसले लिए जिन्हें लंबे अरसे तक याद रखा जाएगा. बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के की पद से छुट्टी ऐसा ही एक फैसला था. लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू करने में अड़चन डाल रहे दोनों पदाधिकारियों को उन्होंने कई बार आगाह किया. आखिरकार, दोनों को उनके पद से हटाने का आदेश दे दिया.
जस्टिस ठाकुर 3 दिसंबर 2015 को चीफ जस्टिस बने थे. चीफ जस्टिस बनने के कुछ दिनों के अंदर उन्होंने दिल्ली-एनसीआर में 2000 सीसी की डीज़ल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी. लगभग 5 महीने तक ये रोक जारी रही. बाद में गाड़ियों की बिक्री पर एन्वायरनमेंट कंपनसेशन सेस लगा कर इस पाबंदी को हटाया गया. पर्यावरण को लेकर फिक्रमंद रहने वाले जस्टिस ठाकुर दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर भी रोक लगा चुके हैं.
अपनी उदारता के लिए पहचाने जाने वाले जस्टिस टी एस ठाकुर ने जैन धर्म के पर्व पर्यूषण के दौरान मुंबई में मांस की बिक्री पर रोक लगाए जाने को मंज़ूर करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा, “सभी समुदाय अपनी धार्मिक मान्यताओं को लेकर स्वतंत्र हैं. किसी को मांस ज़बरन नहीं खिलाया जा सकता. लेकिन दूसरे की रसोई में क्या पक रहा है, ये झांकने की किसी को ज़रूरत नहीं है.”
31दिसम्बर का इतिहास यहाँ पढ़ें ।
3 जनवरी को जन्मे व्यक्ति=====----
1831 - सावित्रीबाई फुले, सामाजिक कार्यकर्त्ता, भारत में पहली महिला शिक्षक, और मराठी भाषा में पहली महिला कवियत्री।
1938 - जसवंत सिंह - प्रसिद्ध भारतीय राजनेता।
1941 - संजय खान - बॉलीवुड अभिनेता।
1977 - गुल पनाग - मॉडल, बॉलीवुड अभिनेत्री
1981 - नरेश अय्यर भारतीय पार्श्वगायक
1915 - चेतन आनंद, प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता-निर्देशक
1903 - जयपाल सिंह - भारतीय हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ियों में से एक।
2017-:कर्नाटक के सहकारी मंत्री एच एस महादेव प्रसाद का 3 जनवरी 2017 को चिकमंगलूर जिले के कोप्पा स्थित एक निजी रिसोर्ट में दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया. वे 58 वर्ष के थे.
राज्य सरकार ने एक दिन की छुट्टी और तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. महादेव प्रसाद एक सहकारी समिति की स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेने के लिए चिकमगलुरु पहुंचे थे.
• एच एस महादेव प्रसाद का जन्म 5 अगस्त 1958 को हुआ था.
• वे पांचवी बार चामराजनगर से विधानसभा के लिए चुने गए थे.
• वे कर्नाटक में तीसरी बार मंत्री बनाये गए थे.
• महादेव प्रसाद लगातार पांचवी बार कांग्रेस के टिकट पर मई 2013 में चुने गए थे.
• वे चिकमंगलूर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रसाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीब सहयोगी थे.
• वे एक कुशल प्रशासक और ईमानदार राजनेता थे.
• महादेव प्रसाद गुंडलूपेट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक थे.
• उन्होंने चामराजनगर जिले में मंत्री के रूप में भी सेवा दिए.
• कांग्रेस में शामिल होने से पहले, वे जनता पार्टी और जनता दल के नेता थे.
• उन्होंने वर्ष 2005-07 के दौरान भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार एचडी कुमारस्वामी की अध्यक्षता में कन्नड़ एवं संस्कृति मंत्री का पद संभाला.
• वे जनता दल पार्टी को छोड़कर वर्ष 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए.
• वे वर्ष 1994, वर्ष 1999, वर्ष 2004, वर्ष 2008 और वर्ष 2013 में चामराजनगर से विधानसभा के लिए चुने गए थे.
3 जनवरी को हुए निधन====---
1972- मोहन राकेश लेखक व नाटककार
2002 - सतीश धवन - भारत के प्रसिद्ध रॉकेट वैज्ञानिक।
2005- जे एन दीक्षित, भारतीय सरकारी अधिकारी।
2013 - एम. एस. गोपालकृष्णन - भारत के प्रसिद्ध वायलिन वादक।
1979- परशुराम चतुर्वेदी, विद्वान शोधकर्मी समीक्षक
1871 - कुरिआकोसी इलिआस चावारा - केरल के सीरियन कैथॉलिक संत तथा समाज सुधारक।
2017-:बुकर पुरस्कार विजेता लेखक जॉन बर्जर का 90 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया. मार्क्सवादी बुद्धिजीवी जॉन बर्जर का निधन पेरिस के एंटोनी उपनगर में हुआ. इन दिनों वह पेरिस के एंटोनी में ही निवासित थे.
कला के प्रति जॉन बर्जर का दृष्किोण बेहद सूक्ष्म था जो उनके साहित्य में भी देखने को मिलता है. जॉन बर्जर एक दूरदर्शी लेखक और महान उपन्यासकार थे.
जॉन बर्जर के बारे में~~~~
बुकर पुरस्कार विजेता जॉन बर्जर का जन्म 5 नवम्बर 1926 को उत्तरी लंदन में हुआ.
जॉन बर्जर अंग्रेजी भाषा के लेखक थे. इससे पूर्व उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक पेंटर के तौर पर की.
बुकर पुरस्कार विजेता जॉन बर्जर की पहचान एक पेंटर, आलोचक और कवि के रूप में की जाती है.
उनके उपन्यास ‘जी’ (G.) को 1972 में बुकर पुरस्कार प्रदान किया गया.
उस समय बुकर पुरस्कार विजेता जॉन बर्जर ने पुरस्कार की आधी राशि रेडिकल अफ्रीकी अमेरिकी आंदोलन ब्लैक पैंथर्स को दे दी थी.
जॉन बर्जर द्वारा श्रजित निबन्धों के आलोचनात्मक संकलन ‘वे आफ सीइंग’ की बहुत सराहना की गयी.
बीबीसी ने इस पर एक श्रंखला भी प्रकाशित की.
जॉन बर्जर पिछले 50 वर्षो से फ्रांस में ही रह रहे थे.
मैन बुकर पुरस्कार के बारे में~~~~~
मैन बुकर पुरस्कार फ़ॉर फ़िक्शन को लघु रूप में मैन बुकर पुरस्कार या बुकर पुरस्कार भी कहा जाता है.
यह पुरस्कार राष्ट्रकुल (कॉमनवैल्थ) या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास हेतु प्रति वर्ष प्रदान किया जाता है.
वर्ष 2008 का पुरस्कार भारतीय लेखक अरविन्द अडिग को दिया गया.
अरविन्द अडिग को मिलाकर कुल 5 बार यह पुरस्कार भारतीय मूल के लेखकों को प्रदान किया गया है.
मैन बुकर पुरस्कार प्राप्त भारतीय अन्य लेखकों में वी एस नाइपॉल, अरुंधति राय, सलमान रश्दी और किरण देसाई हैं.
आरम्भ होने के बाद पहला बुकर पुरस्कार अलबानिया के उपन्यासकार इस्माइल कादरे को प्रदान किया गया.
पृष्ठभूमि~~~~
मैन बुकर पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1969 में इंगलैंड की बुकर मैकोनल कंपनी द्वारा की गई.
इसमें 60 हज़ार पाउण्ड की राशि विजेता लेखक कोप्रदान की जाती है.
मैन बुकर पुरस्कार हेतु पहले उपन्यासों की एक सूची तैयार की जाती है और फिर पुरस्कार वाले दिन पुरस्कार विजेता की घोषणा की जाती है.
3 जनवरी के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव=====--
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह।
02 जनवरी का इतिहास यहाँ पढ़ें ।
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