♓🅰♉🚩🅾♏
इतिहास के पन्नों में दर्ज 07 जनवरी की महत्वपूर्ण पंक्तियाँ ।
1761-पानीपत की तीसरी लड़ाई में अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली ने मराठों को हराया।
1789 – अमेरिकी जनता ने जाॅर्ज वाशिंगटन को देश का पहला राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान किया।
[[[[[[[[[[[[[[[[[[[
आज ही के दिन 1789 में अमेरिका में पहला चुनाव हुआ था. चुनाव में वोट डालने का अधिकार उन्हीं लोगों को दिया गया था जिनके पास संपत्ति थी.
उम्मीद के मुताबिक अमेरिका में हुए पहले चुनाव में जॉर्ज वॉशिंगटन जीते और उन्हें 30 अप्रैल 1789 को पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई और विश्व के सबसे ताकतवर लोकतंत्र की नींव पड़ी.
अमेरिका में आज भी इलेक्टोरेल कॉलेज सिस्टम के तहत ही चुनाव होते हैं, जैसा कि 1789 में हुआ था. इस प्रणाली की स्थापना अमेरिकी संविधान के तहत की गई. अमेरिका में 18 साल की उम्र के लोगों को वोट देने का अधिकार है. अमेरिकी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव सीधे नहीं होता बल्कि मतदाता अपने वोट निर्वाचक मंडली के सदस्यों को चुनने के लिए देते हैं. ये इलेक्टर्स यूएस इलेक्टोरेल कॉलेज के होते हैं. इलेक्टोरेल कॉलेज में 538 प्रतिनिधि चुने जाते हैं, जो कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं. हर एक इलेक्टर्स एक वोट राष्ट्रपति और एक उपराष्ट्रपति के लिए देता है. बहुमत के लिए 270 वोट जरूरी हैं. अगर किसी उम्मीदवार को बहुमत न मिले तो फैसला संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्ज को सौंप दिया जाता है. अमेरिका के 48 राज्यों और कोलंबिया जिले में प्रतिनिधियों के चुनाव के लिए विनर टेक ऑल पॉप्यूलर वोट नियम अपनाया जाता है. दो राज्यों में प्रतिनिधियों का चुनाव वोट के अनुपात से होता है.
हर चार साल में एक बार जनवरी महीने में अमेरिका में चुनावी समय शुरु होता है. पहला दौर प्राइमरी से शुरु होता है, जिसमें पार्टियां अपने उन उम्मीदवारों की सूची जारी करती है, जो राष्ट्रपति चुनाव में उतरना चाहते हैं. दूसरे दौर में हर राज्य के वोटर ऐसे प्रतिनिधि चुनते हैं, जो दूसरे दौर में पार्टी के सम्मेलन में हिस्सा लेते हैं. पार्टी सम्मेलनों में ये प्रतिनिधि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं. राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार उप राष्ट्रपति पद का अपना सहयोगी उम्मीदवार चुनता है और फिर चुनाव प्रचार शुरू होता है. उसके बाद नवम्बर में राष्ट्रीय चुनाव होते हैं. राष्ट्रपति बनने के लिए कुल 270 इलेक्टोरल वोट पाना जरुरी होता है. आम परिपाटी है कि 20 जनवरी को नए राष्ट्रपति को पद की शपथ दिलाई जाती है.
]]]]]]]]]]]]]]]]]।
1797 – इटली ने अपने मौजूदा राष्ट्रीय ध्वज को अंगीकार किया।
1859 - सिपाही विद्रोह में संलिप्तता के मामले में मुग़ल सम्राट बहादुरशाह ज़फर (द्वितीय) के ख़िलाफ़ सुनवाई शुरू।
1890 – विलियम बी. परविस को फाउंटेन पेन का आविष्कार का पेटेंट मिला।
1894 – विलियम केनेडी डिकसन को चलचित्र (मोशन पिक्चर) का पेटेंट मिला।
1927- अटलांटिक पार दूरभाष संपर्क शुरू। लंदन और न्यूयार्क इस सेवा से जुड़े।
[[[[[[[[[[[[[[[[[[[
द नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ साइंसेज ऑफ इंडिया , अब भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी की स्थापना दिनांक 7 जनवरी, 1935 में कलकत्ता में हुई थी और यह वर्ष 1951 तक एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल के अपने मुख्यालय में कार्य करती रही और इसके बाद दिल्ली मे स्थानांतरित हो गई।
भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी की स्थापना वर्ष 1935में भारत में विज्ञान की प्रगति तथा मानवता एवं राष्ट्र कल्याण के लिए वैज्ञानिक ज्ञान का प्रसार करने के उद्देश्य से की गई थी। अकादमी जिसे पहले नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ साइंसेज इन इंडिया (निसी) के नाम से जाना जाता था, की स्थापना कुछ संस्थाओं और व्यक्तियों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम थी तथा इस संबंध में इंडियन साइंस काँग्रेस एसोसिएशन(आई.एस.सी.ए) ने प्रमुख भूमिका निभाई थी।
वर्ष 1930 के अंतिम दौर में, तत्कालीन भारत सरकार ने विभिन्न राज्यों (तब प्रांतीय) सरकारों, वैज्ञानिक विभागों, विद्वत समाजों, विश्वविद्यालयों तथा आई.एस.सी.ए. को पत्र लिखा और एक राष्ट्रीय अनुसंधान परिषद के निर्माण की वांछनीयता पर उनकी राय मांगी जो अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान परिषद और इससे संबद्ध संघों के साथ मिलकर सहयोगात्मक रुप में काम करे। इसी समय नेचर के संपादक सर रिचर्ड ग्रेगोर इंडियन अकेडमी ऑफ साइंस को प्रोत्साहन देने के लिए करंट साइंस के संपादक के साथ बातचीत करने भारत आए। इस प्रस्ताव पर बहुतेरे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने विचार विमर्श किया और एक स्तरीय राष्ट्रीय परिषद के संगठन तथा कार्यप्रणाली के संबंध में उनके दृष्टिकोणों को आई.एस.सी.ए.के पुणे सत्र के दौरान,एक प्रस्ताव के रुप में सबके सामने रखा । इस योजना पर विचार करने के लिए जनवरी, 1934 में मुम्बई में आई.एस.सी.ए. की एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। आई.एस.सी.ए. के अध्यक्ष प्रोफेसर एम.एन. साहा द्वारा रॉयल सोसाइटी, लंदन के अनुरुप, भारतीय विज्ञान अकादमी बनाने के लिए किए गए निवेदन के फलस्वरुप आई.एस.पी. ए. की आम समिति ने राष्ट्रीय वैज्ञानिक के निर्माण के प्रस्ताव को एकमत से सहमति प्रदान की। समिति ने एक ‘अकादमी समिति’ का गठन किया, जिससे आई.एस.सी.ए. के अगले सत्र में विचार के लिए एक विस्तृत ब्यौरा तैयार करने हेतु अनुरोध किया गया। समिति ने 1935 में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें इन्सा नई दिल्ली (1) निर्माणाधीन राष्ट्रीय वैज्ञानिक सोसाइटी के लक्ष्यों और उद्देश्यों; (2) इसके संविधान के प्रारुप ; (3) एक विशेषज्ञ समिति द्वारा चुने गए 125 संस्था सदस्यों ; तथा (4) अकादमी की अंतरिम परिषद के सदस्यों के रुप में 25 वैज्ञानिकों के नाम शामिल किए गए थे। डॉ. एल.एल. फ्रेमोर (आई.एस.सी.ए. के 22 वें सत्र के अध्यक्ष) ने 3 जनवरी, 1935 को संयुक्त समिति की एक विशेष बैठक में अकादमी समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की। अकादमी समिति की सिफारिशों को आई.एस.सी.ए. ने सर्वसम्मत प्रस्ताव द्वारा स्वीकार कर लिया और इस प्रकार वैज्ञानिकों के एक अखिल भारतीय संगठन के रुप में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सांइसेज ऑफ इंडिया (निसि) की नींव पड़ी। कलकत्ता में 07 जनवरी, 1935 को, डॉ. जे.एच. हटन (आई.एस.सी.ए. के 23वें सत्र के अध्यक्ष की अध्यक्षता में नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ साइंसेज ऑफ इंडिया (निसि) की उद् घाटन बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें निसि के प्रथम अध्यक्ष डॉ. एल.एल. फ्रेमोर ने उद् घाटन भाषण दिया। इस प्रकार इस संस्थान में उसी दिन से 1, पार्क स्ट्रीट कलकत्ता स्थित एशियाटिक सोसाइटी के प्रधान कार्यालय से अपना कार्य करना आरम्भ कर दिया।
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ साइंसेज ऑफ इंडिया (निसि) को सरकार द्वारा वैज्ञानिकों की एक प्रतिनिधि संस्था के रुप में मान्यता देने के विषय को, इसकी स्थापना के दस वर्षों के पश्चात उठाया गया। पर्याप्त विचार विमर्श और चर्चाओं के पश्चात, अक्तूबर, 1945 में नेशनल इंस्टीटयूट को एक प्रमुख वैज्ञानिक संस्था के रुप में मान्यता देने का निर्णय लिया गया जिसमें भारत में विज्ञान की सभी शाखाओं तो प्रतिनिधित्व मिल सके। मई 1946 में इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थानांतरित हो गया और सरकार ने इसे अधिक सहायता अनुदान देना प्रारम्भ कर दिया ताकि यात्रा, प्रकाशनों, अनुसंधान अध्येतावृत्तियों पर होने वाले खर्च को पूरा करने तथा अन्य वैज्ञानिक संस्थाओं को उनके पत्र प्रकाशित करने के लिए अनुदान प्रदान करने में होने वाले खर्च को पूरा किया जा सके। सरकार ने 1948 में मुख्यालय का भवन बनाने के लिए एक पूंजीगत अनुदान को भी मंजूरी दे दी। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरु ने 19 अप्रैल, 1948 को इस भवन की नींव रखी। वर्ष 1951 में निसि का कार्यालय बहादुर शाह ज़फर मार्ग, नई दिल्ली स्थित इस वर्तमान परिसर में आ गया। जनवरी 1968 में भारत सरकार की ओर से इसे इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ साइंस (इक्सू) की सहयोगी स
]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]।
1953 – अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने हाइड्रोजन बम बनाने की घोषणा की।
1959 – संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्यूबा में फिदेल कास्त्रो की नई सरकार को मान्यता प्रदान की।
1972 – स्पेन के इबीसा क्षेत्र में विमान दुर्घटना में छह चालक दल समेत 108 यात्रियों की मौत हुई।
1979 – वियतनाम की सेना द्वारा कम्बोडिया पर आक्रमण के बाद इस देश के तानाशाह पोलपोट भाग निकले। हंग सामरीन के नेतृत्व में नयी सरकार सत्ता में आयी।
[[[[[[[[[[[[[[[[[[[[[
1979 ईसवी को वियतनाम की सेना द्वारा कम्बोडिया पर आक्रमण के बाद इस देश के तानाशाह पोलपोट भाग निकले। हंग सामरीन के नेतृत्व में नयी सरकार सत्ता में आयी। पोलपोट कम्बोडिया में ऐसे गुट के नेता थे जो माओवादी और चीन का समर्थक था। पोलपोट की सरकार हिंसात्मक कार्रवाइयों के सहारे लोगों को नगरों से गांवों की ओर पलायन करने पर विवश करती थी। इस सरकार ने बहुत से सांस्कृतिक चिन्हों को मिटा दिया और जनता पर बड़े अत्याचार किये।कम्बोडिया पर पोलपोट के तीन वर्ष से भी कम अवाधि के शासन के दौरान इस देश में 15 से 20 लाख लोग मारे गये जिनमें वियतनामी मूल के लोग मुख्य रुप से शामिल थे। वियतनामी सेना ने इसी बात को बहाना बनाकर पोलपोट का तख़्ता उलट दिया किंतु इसके बावजूद पोलपोट के समर्थक गुट ने देश के कुछ भागों में केंद्रीय सरकार के विरुद्ध संघर्ष जारी रखा। अंतत: वर्ष 1983 में वियतनाम की सेना सामरीन की सरकार की स्थिति की ओर से आश्वस्त होने तथा अंतर्राष्ट्रीय दबावों के कारण कम्बोडिया से निकली। इस सेना को पूर्व सोवियत संघ का समर्थन प्राप्त था।
]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]।
1980 – आपातकाल के तीन साल बाद भारी बहुमत के साथ इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी हुई।
1984 – ब्रुनेई, दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन 'आशियान' का छठा सदस्य बना।
1986 – अमेरिका के राष्ठ्रपति रोनाल्ड रीगन ने लीबिया के खिलाफ आथिर्क प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।
1986 – मिस्र के सीना मरुस्थल की जेल में इस देश के सीमा सुरक्षा बल के जवान सुलैमान ख़ातिर की हत्या कर दी गयी।
[[[[[[[[[[[[[[[[[[[
1986 ईसवी को मिस्र के सीना मरुस्थल की जेल में इस देश के सीमा सुरक्षा बल के जवान सुलैमान ख़ातिर की हत्या कर दी गयी। उन्होंने वर्ष 1985 ईसवी में मिस्र और ज़ायोनी शासन के बीच होने वाले कैम्प डेविड समझौते पर, जो वस्तुत: जायोनी शासन का एक षडयंत्र था, आपत्ति जताते हुए सीना मरुस्थल में कई ज़ायोनियों को हताहत कर दिया था। मिस्र की सरकार ने उन्हें गिरफ़तार करने के बाद उन पर दिखवाटी मुक़द्दमा चलाया और आजीवन कारावास का दंड दे दिया। किंतु कुछ समय बाद सुलैमान ख़ातिर का शव जेल में फांसी पर लटका हुआ पाया गया। मिस्र की सरकार ने दावा किया कि उन्होने आत्महत्या की है। इस सूचना के फैलते ही राजधानी क़ाहेरा और मिस्र के दूसरे नगरों में छात्रों ने विशाल रैली निकाली और मिस्र की सरकार की कार्यवाही के प्रति अपने विरोध की घोषणा की।
]]]]]]]]]]]]]]]]]।
1989 - जापान के सम्राट हिरोहितो का देहावसान, आकिहितो नये सम्राट घोषित।
1980-भारी बहुमत के साथ इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी ।
1987-कपिलदेव ने टेस्ट क्रिकेट में तीन सौ विकेट पूरे किये।
1990 – पिछले 800 सालों में पहली बार पीसा की झुकती हुई मीनार को दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया।
1999- अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया सीनेट में शुरू की गयी।
2000 - जकार्ता (इंडोनेशिया) में 10 हज़ार मुसलमानों ने मोलुकस द्वीप समूह में ईसाईयों के विरुद्ध जेहाद की घोषणा की।
2003 - जापान ने विकास कार्यों में मदद के लिए भारत को 90 करोड़ डालर की मदद की घोषणा की।
2004- इंडोनेशिया के उच्चतम न्यायालय ने बाली धमाकों के अभियुक्त अमरोजी की सजा-ए-मौत बरकरार रखी।
2008 - राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने विनोद राय को नियन्त्रक एवं महालेखा परीक्षक के पद की शपथ दिलाई। भारत व मलेशिया वायुसेना के पायलटों और युद्धपोतों के कर्मियों के प्रशिक्षण समेत रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।
जार्जिया में नेल मिखै साकाश विली को पुन: देश का राष्ट्रपति चुना गया।
2009 - आई टी कम्पनी सत्यम के चेयरमैन रामालेंगम राजू ने अपेन पद से इस्तीफ़ा दिया।
2010 -:जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के ऐतिहासिक लाल चौक पर एक होटल में छिपे आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच लगभग 22 घंटे लंबी मुठभेड़ दो आतंकवादियों के मारे जाने के साथ ख़त्म हो गयी।
2010-:2717 फीट की दुनिया की सबसे ऊंची इमारत दुबई की बुर्ज खलीफा के 12,92500 वर्ग फीट हिस्से के कांच की उद्घाटन के समय मौजूद सफाई को गिनीज बुक ने अपने रिकॉर्डस में शामिल किया।
लिट्टे सुप्रीमो वी प्रभाकरण के पिता थिरुवेक्कडम वेलुपिल्लै की कोलंबो में फौजी हिरासत में मौत हो गई।
जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के ऐतिहासिक लाल चौक पर एक होटल में छिपे आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच लगभग 22 घंटे लंबी मुठभेड़ दो आतंकवादियों के मारे जाने के साथ खत्म हो गयी।
2015- पेरिस में दो बंदूकधारियों ने ‘चार्ली आब्दो’ पत्रिका के कार्यालय पर हमला किया जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई और 11 अन्य लोग घायल हो गए।
2015- यमन की राजधानी सना में एक पुलिस कॉलेज के बाहर हुए कार बम धमाके में 38 लोगों की मौत और 63 घायल ।
2017
2017-:
1. ये है अखिलेश मुलायम के झगड़े की वजह, पढ़ें, यूपी चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी
विधानसभा चुनावों की तारीखों के एलान होने के बाद से समाजवादी पार्टी में महीनों से चल रहा आंतरिक कलह अब अपने निर्णायक दौर में पहुँच गया है। पिता-पुत्र और चचेरे भाइयों के झगड़े में समाजवादी पार्टी दो फाड़ होती दिख रही है। 4 अक्टूबर 1992 को मुलायम सिंह की अगुवाई में जनता दल से अलग हुए एक धड़े ने समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी। समाजवादी पार्टी की कुंडली धनु लग्न की है और इसकी चंद्र राशि भी धनु ही है। लग्न में बैठे चंद्रमा-राहु के प्रभाव से इस पार्टी को समाज के पिछड़े वर्गों और मुस्लिमो का अच्छा समर्थन मिला। समाजवादी पार्टी का लग्न धनु और नवांश लग्न मेष है जो कि संजोग से उत्तर प्रदेश राज्य की भ्ाी राशि है।
2. बसपा उम्मीदवारों की तीसरी सूची में 24 मुस्लिम शामिल
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिये आज अपने 100 उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी कर दी। इस सूची में 24 मुसलमानों को टिकट दिया गया है। पार्टी ने अब तक 403 विधानसभा सीटों में से 300 के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। बसपा की घोषित 100 उम्मीदवारों की पहली सूची में जहां 36 मुसलमान थे, वहीं दूसरी सूची में इस कौम के 22 लोगों को टिकट दिया गया था। तीसरी सूची में 24 मुसलमानों को टिकट दिये गये हैं।
3. 4 पत्नी, 40 बच्चों वाले बयान पर साक्षी महाराज के खिलाफ केस दर्ज
मामले में मेरठ के जिलाधिकारी ने कहा है कि साक्षी महाराज के कार्यक्र की जांच के दिए गए हैं। उधर एसएसपी ने कार्यक्रम की वीडियो सुनी जिसमें पाया गया साक्षी महाराज ने 4 पत्नियां और 40 बच्चों संबंधी भाषण दिया है। यह आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। इसके अलावा इस राजनीतिक कार्यक्रम के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई।
प्रशासन से केवल धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन की अनुमति ली गई थी। एसएसपी के आदेश के आदेश के बाद सदर थाने की पुलिस ने उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
4. भज्जी ने टीम के चयन पर ऐसे उठाए सवाल, फिर डिलीट किया ट्वीट
नई दिल्ली। टर्बनेटर हरभजन सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ चुनी गई टीम इंडिया के चयन पर सवाल खड़े किए हैं। शुक्रवार को इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज के लिए टीम इंडिया का चयन किया गया था। इसके अलावा प्रैक्टिस मैच खेलने के लिए भी टीम का चयन किया गया है।
हरभजन सिंह ने टीम के चयन पर सवाल करुण नायर को लेकर उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि करुण नायर को टीम में न रखने पर आश्चर्य जाहिर किया है। भज्जी नाम से मशहूर इस खिलाड़ी ने कहा है कि करुण का चयन प्रैक्टिस मैचों के लिए भी न करना चौंकाने वाला है।करुण की बेहतरीन फॉर्म के बारे में बताते हुए भज्जी ने लिखा है कि उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में 300 रन बनाए थे। ऐसे में उन्हें प्रैक्टिस मैच में भी न रखना अजीब फैसला है, वनडे की तो बात ही छोड़ दीजिए। वाह कमाल है!
5. Iphone की बिक्री घटी तो Apple ने की CEO टिम कुक के वेतन में 15 प्रतिशत कटौती
लॉस एंजिलिस। आईफोन बनाने वाली कंपनी एपल ने अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक के वर्ष 2016 के वेतन में 15 प्रतिशत की कटौती की है। कंपनी ने यह निर्णय उसकी वार्षिक बिक्री में 15 साल में पहली बार गिरावट आने के चलते किया है।सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज को कल भेजी जानकारी के अनुसार कंपनी ने कहा कि वर्ष 2016 में उसने कुक को 87.5 लाख डॉलर वेतन-भत्तों का भुगतान किया जो 2015 में दिए गए 1.03 करोड़ डॉलर से कम है।कुक का मूल वेतन हालांकि, 2016 में 20 लाख डॉलर से बढ़ाकर 30 लाख डॉलर कर दिया गया था जो सीधे तौर पर 50 प्रतिशत की वृद्धि है। लेकिन इस दौरान कुक एवं अन्य कार्यकारियों को बोनस एवं भत्तों के तौर पर मिलने वाले लाभ तय लक्ष्य का 89.5 प्रतिशत ही दिए गए। इससे पहले यह अधिकतम मिलता रहा है।इस प्रकार कुक को नकद बोनस के तौर पर 2016 में 54 लाख डॉलर मिला है जो 2015 में 80 लाख डॉलर था। उनके एपल में 2011 में शीर्ष पद संभालने के बाद यह पहली बार उनके वेतन-भत्ते में कटौती की हुई है।
6. अमेरिका: फ्लोरिडा के फोर्ड लॉडरडेल-हॉलीवुड एयरपोर्ट पर फायरिंग, 5 की मौत, 8 घायल, हमलावर गिरफ्त में
फ्लोरिडा: अमेरिका में फ्लोरिडा के फोर्ड लॉडरडेल-हॉलीवुड एयरपोर्ट पर पर हुई गोलीबारी में लोगों की मौत हो चुकी है और 8 लोगों के घायल होने के खबर हैं। मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ने के पूरे-पूरे आसार हैं। पुलिस ने एयरपोर्ट को पूरी तरह से खाली करवा लिया है और एक हमालवर को गिरफ्तार भी कर लिया है। हमला किन कारणों से किया गया इस बात का खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है।
गोलीबारी की यह घटना टर्मिनल 2 के बैगेज क्लेआम एरिया में हुई है। समाचार एजेंसी एपी ने फ्लोरिडा के मेयर के हवाले से खबर दी है कि एक ही हमलावर ने इस वारदात को अंजाम दिया है। टीवी फुटेज में यात्रियों को सुरक्षित स्थान की ओर भागते देखा गया। तमाम दहशतजदा लोग एक जगह इकट्ठा देखे गए हैं।
7. ज़मीन पर गिरे मिले ओम पुरी, सिर से बह रहा था ख़ून, एक्सीडेंटल डेथ की रिपोर्ट
मुंबई। बेहतरीन इंसान और शानदार अभिनेता ओम पुरी शुक्रवार सुबह इस दुनिया को हमेशा के लिए छोड़कर चले गए। ओम पुरी का मृत शरीर उनके घर में फ़र्श पर पड़ा मिला था और उनके सिर से ख़ून बह रह था। ये बाद में पता चला कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। पुलिस ने एक्सीडेंटल डेथ का मामला दर्ज़ किया है।
बताया जाता है कि शुक्रवार सुबह 7 बजे ओम पुरी का ड्राइवर उनके घर पहुंचा और डोर बेल बजाई। जब कोई जवाब नहीं मिला तो ड्राइवर को शक़ हुआ और पड़ोसियों को आगाह किया। पड़ोसियों ने किसी तरह ओम पुरी के फ़्लैट की डुप्लीकेट चाबी का इंतज़ाम किया और दरवाज़ा खोलने पर देखा कि ओम पुरी किचन के पास ज़मीन पर गिरे पड़े थे। उनके सिर से ख़ून बह रहा था। ड्राइवर और पत्नी नंदिता पुरी पड़ोसियों की मदद से उन्हें कूपर हॉस्पिटल लेकर गए। दोपहर में पोस्ट-मॉर्टम किया गया और मौत का सही कारण पता करने के लिए नमूने जांच के लिए फॉरेंसिक लैब को भेज दिए गए हैं। हालांकि मौत का मुख्य कारण हार्ट अटैक ही बताया जा रहा है।
8. सपा में सुलह न हुई तो अपने प्रत्याशी उतारेंगे मुलायम सिंह
सपा के दोनों धड़ों में सुलह को लेकर बात न बनी तो मुलायम सिंह यादव चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारेंगे। उम्मीदवारों की नई सूची जारी करेंगे। साथ छोड़ने वालों पर कार्रवाई भी करेंगे। सपा मुखिया मुलायम सिंह इस बात से आहत हैं कि सम्मेलन करके उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष से हटा दिया गया। अब सुलह की बात हो रही है तो राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने की मांग की जा रही है। वे इसे अपने सम्मान पर चोट मान रहे हैं। मिलने वालों से पीड़ा जाहिर कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि पार्टी एकजुट रहे, लेकिन इसके लिए वे खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने की शर्त मानें, यह उन्हें मंजूर नहीं है। वजह, उन्होंने सपा को बनाया, खड़ा किया और सत्ता तक पहुंचाया। उन विधायकों, मंत्रियों व नेताओं के टिकट काटेंगे जो संकट के समय उनका छोड़ गए। वह प्रत्याशियों की नई सूची जारी करेंगे।
9. मौसम ने ली करवट, दिल्ली में बारिश तो हिमाचल और उत्तराखंड में भारी बर्फबारी
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली-एनसीआर में आज तड़के मौसम ने अचानक करवट बदली। आज सुबह से ही हो रही बारिश से तापमान में गिरावट आ गई जिस कारण ठंड बढ़ गयी है। वहीं देश के पहाड़ी इलाकों में भी भारी बर्फबारी हो रही है। कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार से लगातार बर्फबारी हो रही। कई इलाकों मे बारिश भी हुई। लगातार हो रही बर्फबारी से वादी के अधिकांश इलाकों का एक दूसरे से संपर्क टूट गया है।
10. युवराज सिंह के लिए काम कर रहा लेडी लक? 3 साल बाद ODI टीम में वापसी
2011 में भारत को आईसीसी वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज सिंह ने एक बार फिर टीम इंडिया में वापसी की है। वह इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज में खेलेंगे। वनडे टीम में उन्हें 3 साल बाद शामिल किया गया है। ऐसे में यह चर्चा होने लगी है कि क्या उनके लिए लेडी लक काम कर रहा है? गौरतलब है कि युवराज सिंह ने 30 नवंबर 2016 को हेजल कीच से शादी की है। हालांकि, उन्होंने रणजी मैचों में बेहतरीन बल्लेबाजी से अपनी दावेदारी मजबूत कर ली थी।
युवराज सिंह ने अपना पिछली वनडे मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 11 दिसंबर 2013 को खेला था, जबकि टी20 मैच 27 मार्च 2016 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहली में खेला। टेस्ट टीम से भी वह दिसंबर 2012 से बाहर हैं। युवी ने 293 वनडे मैचों में 36.37 की औसत से 8329 रन बनाए हैं। इसमें 51 अर्धशतक और 13 शतक भी शामिल हैं। 55 टी20 में मैचों में उन्होंने 1134 रन जुटाए हैं।
युवराज सिंह ने अपना पिछली वनडे मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 11 दिसंबर 2013 को खेला था, जबकि टी20 मैच 27 मार्च 2016 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहली में खेला। टेस्ट टीम से भी वह दिसंबर 2012 से बाहर हैं। युवी ने 293 वनडे मैचों में 36.37 की औसत से 8329 रन बनाए हैं। इसमें 51 अर्धशतक और 13 शतक भी शामिल हैं। 55 टी20 में मैचों में उन्होंने 1134 रन जुटाए हैं।
1922 - पियरे रामपाल, फ्रांसीसी बाँसुरी वादक
1947 - शोभा डे, भारतीय लेखक
1950 - जॉनी लीवर - हिन्दी फ़िल्मों के हास्य अभिनेता
1950 - शांता सिन्हा - अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बालश्रम विरोधी भारतीय कार्यकर्ता हैं।
1957 - रीना रॉय - हिन्दी फ़िल्मों की अभिनेत्री।
1961 - सुप्रिया पाठक, भारतीय अभिनेत्री।
1967 – हिंदी सिनेमा जगत के किरदारों में नए सिरे से जान डालने वाले इरफान खान का जन्म हुआ।
1979 - बिपाशा बसु - हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री।
[[[[[[[[[[[[[[[[[[[[[[[
बिपाशा बसु आज 38 साल की हो गई हैं। अपने एक दशक से भी ज्यादा लंबे करियर में बिपाशा ने कई फिल्में कीं जिनमें उनकी भूमिका को काफी सराहा गया। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि बचपन में उन्हें कोई पसंद नहीं करता था क्योंकि वो बेहद सांवली और मोटी थीं। आलम ये था कि कॉलेज में भी उनके दोस्त उन्हें सांवले रंग के लिए चिढ़ाते थे। लेकिन असल में वो काफी बोल्ड और बिंदास रहीं, शायद इसीलिए सभी लोग कॉलेज के दिनों में उन्हें लेडी गुंडा कहकर बुलाते थे। उस वक्त कोई नहीं जानता था कि एक दिन ये सांवली लड़की बड़ी होकर ना सिर्फ सफल अभिनेत्री बनेगी बल्कि एक सुपरमॉडल भी बनेगी। बिपाशा साल 1996 में एक सुपरमॉडल प्रतियोगिता जीतकर सुर्खियों में आईं और बस यहीं से उनके सुनहरे मॉडलिंग करियर की शुरुआत हो गई। मॉडलिंग करते करते उन्हें फिल्मों का चस्का लगा तो साल 2001 में फिल्म 'अजनबी' के जरिए वो बॉलीवुड में आ गईं। पहली फिल्म में उन्होंने नेगेटिव किरदार निभाया और इस कदर पसंद किया गया कि पहली ही फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट फीमेल डेब्यू अवॉर्ड दिया गया। इसके बाद उन्होंने कई फिल्में की जिन्हें खूब पसंद किया गया लेकिन समय का पहिया ऐसा घूमा कि वक्त के साथ बिपाशा की झोली में हॉरर फिल्में ही ज्यादा आने लगीं। उन्होंने 'राज', 'राज 3', 'अलोन', 'आत्मा' और 'क्रिएचर 3डी' जैसी कई हॉरर फिल्में कीं जिनकी वजह से उनकी पहचान हॉरर फिल्मों की हीरोइन की बन गई। प्रोफेशनल लाइफ के अलावा वो पर्सनल लाइफ को लेकर भी खूब सुर्खियों में रहीं। जहां पहले उनका अफेयर एक्टर डीनो मोरिया के साथ रहा तो वहीं बाद में वो जॉन अब्राहम के साथ लंबे वक्त तक रिलेशन में रहीं लेकिन किसी वजह से तकरीबन 9 साल के बाद दोनों का रिश्ता टूट गया। इसके बाद बिपाशा की जिंदगी में एक्टर हरमन बावेजा की एंट्री हुई लेकिन उनके साथ भी बिपाशा का रिश्ता नहीं टिक पाया। आखिरकार फिर बिपाशा ने फिल्म 'अलोन' के को-स्टार करण सिंह ग्रोवर को कुछ वक्त डेट करने के बाद उनसे शादी कर ली और आज दोनों हंसी-खुशी अपनी लाइफ एंजॉय कर रहे हैं।
]] ] ]] ] ]] ]]]]]]]]]]]]]
1981 - कृष्णन शशिकिरण - भारत के जानेमाने शतरंज खिलाड़ी हैं।
1851 - जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन - प्रसिद्ध इतिहासकार, अंग्रेज़ी साहित्यकार तथा अन्वेषक।
7 जनवरी को हुए निधन====----
1943 – वाई-फाई के जनक मशहूर अमेरिकी सर्बियाई आविष्कारक निकोला टेस्ला का निधन हुआ।
1966 - बिमल राय - हिन्दी फ़िल्मों के एक महान फ़िल्म निर्देशक।
2017--पुर्तगाल के पूर्व राष्ट्रपति मारियो सोरेस का 7 जनवरी 2017 को निधन हो गया. वे 92 वर्ष के थे. वे पिछले दो सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे. मारियो सोरेस को पुर्तगाल में लोकतंत्र की स्थापना का जनक माना जाता है.
वे मानवाधिकार एवं विश्व शांति में योगदान के लिए सराहे जायेंगे.
• मारियो सोरेस का जन्म 7 दिसम्बर 1924 को हुआ था.
- कुछ और बातें मारियो सोरेस के बारे में:~~~~~~~~°•○●□■
• मारियो सोरेस ने लिसन यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की.
• उन्होंने वर्ष 1986 से वर्ष 1996 तक पुर्तगाल के राष्ट्रपति रहे.
• वे वर्ष 1976 से 1978 और वर्ष 1983 से 1985 तक प्रधानमंत्री रहे थे.
• वे विदेश मंत्री और यूरोपीय संसद के सांसद भी बने.
• उन्होंने 25 अप्रैल 1974 को तानाशाह ओलिविएरा सालाजार के शासन का बिना हिंसा के तख्ता पलट करके देश में लोकतंत्र की स्थापना में योगदान दिया था.
• वे वर्तमान में सत्ता में काबिज प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा के नेतृत्व वाली सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापकों में से एक थे.
• वर्ष 1974 में भारत के साथ राजनयिक संबंधों की पुनःस्थापन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.
• मारियो सोरेस ऐसे शख्स थे जिन्होंने पूरी जिंदगी आजादी की लड़ाई लड़ी.
06 जनवरी का इतिहास यहाँ पढ़ें ।
No comments:
Post a Comment