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25 नवम्बर का इतिहास

♓🅰♉🚩🅾♏ *भारतीय एवं विश्व इतिहास में 25 नवंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ।* ☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆ 1667 - रूस के उत्तरी कॉकसस क्षेत्र के सेमाखा में ...

Wednesday, 4 January 2017

इतिहास के पन्नों में दर्ज 04 जनवरी की महत्वपूर्ण पंक्तियाँ ।

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इतिहास के पन्नों में दर्ज 4 जनवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ।

01 जनवरी का इतिहास यहाँ पढ़ें ।
 1573-: ईसाइयों के नेता पोप ग्रीगोरी सपतम की पहल से एक सम्मेलन आयोजित हुआ।

जिसमें ईसाई देशों के धर्मगुरुओं ने भाग लिया। इस सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि धर्मगुरुओं की नियुक्ति के मामले में इन देशों के राजा कोई हस्तक्षेप न करें। इस निर्णय के कारण ईसाई धर्मगुरुओं और राजाओं के बीच लम्बे रक्त रंजित युद्ध हुए।
1642 - इंग्लैंड के किंग चार्ल्स ने 400 सैनिकों के साथ संसद पर हमला किया।
1762 - इंग्लैंड ने स्पेन और नेपल्स पर युद्ध की घोषणा की।
1906 - दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को एक विकेट से हराकर अपनी पहली टेस्ट जीत हासिल की।
1906 - किंग जार्ज पंचम ने कलकत्ता (अब कोलकाता) के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल की आधारशिला रखी।
1932 - ब्रिटिश ईस्ट इंडीज के वायसराय विलिंगडन ने महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू को गिरफ्तार किया।
1948 - बर्मा (अब म्यांमार) ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता की घोषणा की।
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 1948 -: म्यानमार ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त की और आज का दिन देश में राष्ट्रीय दिवस के रुप में मनाया जाता है। 19वीं शताब्दी से यह देश ब्रिटेन के अधिकार में चला गया था और 19वीं शताब्दी के मध्य में इसका भारत में विलय हो गया जो उस समय ब्रिटेन का उपनिवेश था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस देश पर जापान का अधिकार हो गया किंतु इस युद्ध में जापान  की पराजय के बाद म्यानमार उसके अधिकार से निकल गया और अंतत: 1948 ईसवी में इस देश को पूर्ण रुप से स्वतंत्रता मिली।
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1951: चीन और उत्तरी कोरियाई सेनाअों के बीच लड़ाई शुरू होने के बाद ये दूसरा मौका था कि जब दोनों देशों की सेनाएं सिओल के नजदीक पहुंची और चीन के सुरक्षाबलों ने कोरियाई युद्ध के दौरान सियोल पर कब्जा किया।
1961-:मोरक्को के दारुल बैज़ा नगर में इसी नाम का एक राजनैतिक सम्मेलन आयोजित हुआ इसका उददेश्य एक अफ़्रीक़ी राजनैतिक ब्लॉक को अस्तित्व में लाना था। यह सम्मेलन मिस्र के तत्कालीन राष्ट्रपति जमाल अब्दुन्नासिर की पहल का परिणाम था। अलजीरिया, घाना, गिनी, माली मोरक्को, मिस्र और सीरिया ने इसमें भाग लिया था। इस सम्मेलन में अफ़्रीक़ा की एक संयुक्त सैनिक कमान और मंडी बनाने के प्रस्ताव पारित किये गये किंतु इन प्रस्तावों को व्यावहारिक रुप नहीं दिया जा सका।
1962 - अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में पहली स्वचालित (मानवरहित) मेट्रो ट्रेन चली।
पाकिस्तान के रेल हादसों के इतिहास में सबसे भयानक दुर्घटना आज ही के दिन सांगी में हुई थी. 1990 में हुई दो ट्रेनों की टक्कर में करीब 307 लोग मारे गए और उससे दोगुने घायल हुए थे.
1990-:1990 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के पास सांगी गांव में दो ट्रेनों की भयानक टक्कर हुई थी. मुल्तान और कराची के बीच चलने वाली जकरिया बहाउद्दीन ट्रेन उस दिन 16 डिब्बों के साथ सरपट दौड़ रही थी. ट्रेन में 2000 यात्री सवार थे. आम तौर पर पाकिस्तान में ट्रेनों में काफी भीड़ होती है. उस दिन भी जकरिया बहाउद्दीन में अच्छी खासी भीड़ थी.

ट्रेन जब सिंध प्रांत के सांगी गांव के नजदीक पहुंची तो उसे बिना बताए किनारे वाले पटरियों पर भेज दिया गया. इस नए ट्रैक पर पहले से 67 डिब्बों वाली मालगाड़ी खड़ी थी. ट्रेन की रफ्तार 56 किलोमीटर प्रति घंटे के करीब थी. सबसे पहले ट्रेन के इंजन ने मालगाड़ी को टक्कर मारी. टक्कर के बाद इंजन पटरी से उतर गया. उसके साथ साथ तीन और डिब्बे भी पलट गए.

इन तीनों डिब्बे में सवार ज्यादातर यात्री या तो मारे गए या फिर गंभीर रूप से जख्मी हो गए. इस दर्दनाक हादसे में 300 से ज्यादा लोग मारे गए और 700 यात्री जख्मी हुए. रेल दुर्घटना में घायल हुए यात्रियों को हवाई मदद से कराची के अस्पताल में पहुंचाया गया. ट्रेन हादसे में जकरिया बहाउद्दीन का इंजीनियर बच गया. उसने बाद में बताया कि सिग्नलमैन की लापरवाही की वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ था. सिग्नलमैन को उसके दोष के लिए सजा हुई. पाकिस्तान में रेल सेवा की हालत ज्यादा अच्छी नहीं मानी जाती. पाकिस्तान में सालाना साढ़े छह करोड़ लोग रेल से सफर करते हैं.
1966 - भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल अयुब खान के बीच ताशकंद में भारत-पाक वार्ता।
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 1966 ईसवी को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम समझौता कराने के उद्देश्य से ताशकंद सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस समझौते के परिणाम स्वरूप भारत और पाकिस्तान के बीच दूसरा युद्ध समाप्त हो गया किंतु दोनों देशों के बीच तनाव अब भी जारी है।
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1998 - बांग्लादेश ने भारत को उल्फा महासचिव अनूप चेतिया को सौंपने से इन्कार किया।
1999 - मंगल ग्रह पर भाप का विश्लेषण करने हेतु अमेरिकी यान 'मार्स पौसर लैंडर प्रोब' का प्रस्थान।
2002 - ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भारत पहुँचे।
2004 - भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाक प्रधानमंत्री जमाली के बीच इस्लामाबाद में वार्ता आयोजित।
2006 - दुबई के शासक शेख़मकतूम बिन रशीद अल मकतूम का निधन।
2008-
गुजरात में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी मंत्रीमण्डल में 18 नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी गयी।
अमेरिका ने श्रीलंका को सैन्य उपकरणों और सेवाओं की आपूर्ति पर रोक लगायी।
2009- पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने यूपीए से नाता तोड़ा।
2010- भारत में स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के आदेश पर शेयर बाज़ारों के खुलने का समय एक घंटा पहले सुबह 9 बजे कर दिया गया।
2010: द‍ुनिया की सबसे ऊंची ब‍िल्डिंग बुर्ज खलीफा दुबई में खोली गई।
2014 - गोवा में तीन मंजिला इमारत ढहने से 14 लोग मारे गये।
                     2017
1. UP में 11 फरवरी से 7 फेज में वोटिंग; गोवा-पंजाब में 4 और उत्तराखंड में 15 फरवरी को मतदान, नतीजे11 मार्च को



केंद्रीय निर्वाचन आयुक्त नसीम ज़ैदी ने बुधवार को पांच राज्यों - उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर - में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी. दरअसल, इन राज्यों में मौजूदा विधानसभाओं का कार्यकाल18 मार्च से ही समाप्त होना शुरू हो रहा था, सो, उससे पहले ही नई विधानसभाओं का गठन ज़रूरी था. गोवा, मणिपुर और पंजाब विधानसभाओं का कार्यकाल 18 मार्च को खत्म हो रहा है, उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 26 मार्च को खत्म होगा, जबकि यूपी विधानसभा का कार्यकाल 27 मई को पूरा होगा. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में चुनाव सात चरणों में करवाया जाएगा, जबकि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में चुनाव दो चरणों में होगा. शेष तीनों राज्यों में मतदान एक-एक चरण में ही होगा. गोवा तथा पंजाब में एकमात्र चरण का मतदान 4 फरवरी को करवाया जाएगा, जबकि उत्तराखंड में मतदान एक ही चरण में 15 फरवरी को होगा. मणिपुर में पहले चरण का मतदान 4 मार्च तथा दूसरे चरण का मतदान8 मार्च को करवाया जाएगा. उत्तर प्रदेश में सात चरणों में11, 15, 19, 23, 27 फरवरी तथा 4, 8 मार्च को मतदान होगा. सभी पांचों राज्यों में मतगणना 11 मार्च को करवाई जाएगी.

2. केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के घर पर हमला, कहा- ये तृणमूल के गुंडों की शर्मनाक कोशिश



वेस्ट बंगाल में टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) के लोकसभा सांसद सुदीप बंदोपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी के 2नेताओं के घर पर हमला हुआ। बुधवार को टीएमसी वर्कर्स ने केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो के कोलकाता स्थित घर पर हमला किया। बाबुल ने ट्वीट और वीडियो पोस्ट कर घटना की जानकारी दी है। ट्वीट में कहा, "तृणमूल के गुंडों ने कैलाश बोस स्ट्रीट पर मेरे अपार्टमेंट को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, वहां मेरे माता-पिता रहते हैं। कितना शर्मनाक है ये।"इससे पहले, मंगलवार रात बीजेपी की जनरल सेक्रेटरी कृष्णा भट्टाचार्य के घर पर बम फेंके गए।
- बीजेपी लीडर कृष्णा भट्टाचार्य के हुगली जिले में कोन्नानगर जोरापुकुर घाट स्थित घर पर हमला हुआ। नकाब पहने 3शख्स बाइक से उनके घर पर रात 9 बजे पहुंचे और बम फेंका। - कृष्णा भट्टाचार्य ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है,जिसमें कहा गया है कि हमलावर घर में घुसे और तोड़फोड़ की, मुझ पर हमला किया, गालियां दीं।
- बीजेपी लीडर को उतारपारा स्टेट जनरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है।
- टीएमसी लीडर तपन दासगुप्ता ने हमले में पार्टी के सपोर्टर्स का हाथ होने से इनकार किया है।
- मंगलवार को कोलकाता में बीजेपी के स्टेट हेडक्वार्टर पर भी टीएमसी यूथ विंग ने हमला बोला था और वहां तोड़फोड़ की थी। दोनों दलों के वर्कर्स के बीच मारपीट भी हुई थी।
- उधर, बीजेपी के ऑफिस पर हमले के बाद वहां सीआरपीएफ को तैनात किया गया है।
- बीजेपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, "जब हेडक्वार्टर पर हमला किया गया तो पुलिस खामोश थी, वह दूसरी तरफ देख रही थी।" सिंह ने ममता सरकार पर बर्बरता का आरोप लगाया।

3. 66 साल बाद दूसरी बार रणजी के फाइनल में पहुंचा गुजरात, बुमराह ने लिए 6 विकेट


66 साल बाद गुजरात की टीम दूसरी बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची है। सेमीफाइनल में गुजरात ने झारखंड को हराया। इससे पहले 1950-51 में गुजरात की टीम टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी। तब गुजरात का मुकाबला होल्कर टीम से हुआ था। इस फाइनल में होल्कर टीम जीत गई थी।
- गुजरात ने नागपुर के विदर्भ क्रिकेट स्डेडियम में बुधवार को चौथे दिन झारखंड की टीम को जीत के लिए 235 रनों का लक्ष्य दिया।
- झारखंड की टीम 111 रन पर ऑल आउट हो गई।
- कैप्टन पार्थिव पटेल ने चौथे दिन केवल तीन गेंदबाजों से बॉलिंग करवाई।
- जसप्रीत बुमराह ने 29 रन देकर 6 विकेट लिए। ये फर्स्ट क्लास में उनका बेस्ट परफॉर्मेंस भी है।

4. SBI नेट बैंकिंग से मोबाइल वॉलेट में नहीं डाल पाएंगे पैसा, पेटीएम और मोबीक्विक ब्‍लॉक


एक ओर सरकार नोटबंदी करके डिजिटल इंडिया और कैशलेस इंडिया की बात कर रही है. तो दूसरी ओर देश की सबसे बड़ी सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने ई-वॉलेट का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है. अब एसबीआई नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने वाले ग्राहक पेटीएम, मोबीक्विक जैसे ई-वॉलेट में ट्रांजैक्शन नहीं कर सकेंगे. ताजा जानकारी के मुताबिक एसबीआई ने जोखिम को देखते हुए नेट बैंकिंग के जरिये मोबाइल या ई-वॉलेट में मनी ट्रांसफर सर्विस को ब्लॉक कर दिया है. एसबीआई के मुताबिक नेट बैंकिंग सुरक्षित नहीं है. इसके लिए जिन सुरक्षा फीचर्स की  आवश्यकता होनी चाहिए, वो मोबाइल वॉलेट के लिए योग्य नहीं हैं, इसलिए मोबाइल वॉलेट के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है. हालांकि एसबीआई की इस रोक के बाद से ई-कॉमर्स कंपनी पेटीएम आदि की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई. वहीं, एसबीआई द्वारा जारी बयान में कहा गया कि उनके यहां हर तरह के ट्रांजैक्शन में होने वाले जोखिम पर नजर रखने  वाली कमेटी ने जोखिम और सुरक्षा चिंताओं के चलते कई मोबाइल वॉलेट को क्लीयर नहीं किया है. वैसे बता दें कि देश में मोबाइल वॉलेट के लिए कोई सुरक्षा मानदंड नहीं हैं और ऐसी कंपनियां नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों के तौर पर पंजीकृत हैं. परिणामस्वरूप यह सीधे तौर पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दायरे में नहीं आतीं. और ऐसे वक्त में जब नोटबंदी के बाद पेटीएम, मोबीक्विक का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की तादाद तेजी से बढ़ी है, एसबीआई का यह कदम उनके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है. हालांकि एसबीआई ने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ई-वॉलेट में  मनी ट्रांसफर पर फिलहाल कोई रोक नहीं लगाई है.

5. अमेठी में एक घर में मिली 11 लोगों की बॉडी: मर्डर का शक, मरने वालों में 6 बच्‍चे भी


यूपी के अमेठी में बुधवार तड़के एक घर में 11 लोगों की डेड बॉडी मिलीं। परिवार का मुखिया फंदे से लटका पाया गया। गांव वालों ने शक जताया है कि मुखिया ने सभी की हत्या करने के बाद खुद भी फांसी लगा ली। मरने वालों में 6 बच्चे भी हैं। घटना की वजह सामने नहीं आई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
- मामला अमेठी से 70 किलोमीटर दूर महोना गांव का है। यहां बुधवार को एक ही फैमिली के 11 लोगों की डेड बॉडी मिलीं। सभी को धारदार हथियार से मारा गया है।
- परिवार के मुखिया जमालुद्दीन (45) की बॉडी फंदे से लटकी मिली।
- घर में सिर्फ जमालुद्दीन की पत्नी बची है। उसे जगदीशपुर के हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।
- माना जा रहा कि महिला के होश में आने पर घटना की वजह साफ हो जाएगी।
- पुलिस जांच कर रही है। आईजी और डीआईजी ने मौके का मुआयना किया।
गांव वालों का क्‍या कहना है?
- गांव वाले इस बात की आशंका जता रहे हैं कि परिवार के मुखिया ने सभी को नशीला पदार्थ खिलाने के बाद काट डाला। इसके बाद खुद फांसी लगा ली।
- कुछ लोगों का कहना है कि जमालुद्दीन का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था।

6. मेरी तुलना में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री पद के बेहतर उम्मीदवार : शीला दीक्षित


कांग्रेस की ओर से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद की प्रत्याशी के रूप में प्रस्तुत की गईं दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री 78-वर्षीय शीला दीक्षित ने बुधवार को कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता तथा यूपी के मौजूदा मुख्यमंत्री "अखिलेश यादव इस पद के लिए मुझसे कहीं बेहतर प्रत्याशी हैं", और वह अखिलेश के लिए रास्ता छोड़ देने में 'खुशी' महसूस करेंगी. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और राज्य में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में गठबंधन की चर्चाओं के बीच शीला दीक्षित ने हालांकि यह भी कहा कि उनसे किसी भी स्तर पर फिलहाल संभावित गठबंधन के बारे में कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया है. पिछले साल जुलाई में कांग्रेस ने रिटायरमेंट की जीवन व्यतीत कर रहीं शीला दीक्षित को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया था. वैसे, मौजूदा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस वक्त अपनी समाजवादी पार्टी पर नियंत्रण के लिए अपने पिता मुलायम सिंह यादव से दो-दो हाथ करते नज़र आ रहे हैं. हालांकि दोनों पक्षों - मुलायम तथा अखिलेश - के बीच मंगलवार को पार्टी को टूटने से बचाने पर विचार-विमर्श के लिए बैठक हुई थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया था. वैसे दोनों ही पक्षों ने समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न 'साइकिल' पर अपना-अपना दावा पेश किया है, सो, यह भी स्पष्ट है कि पूरी तरह हार मानने के लिए कोई भी पक्ष तैयार नहीं है. भले ही यादव परिवार के बीच झगड़ा खत्म नहीं हो रहा है, लेकिन कांग्रेस इस वक्त अखिलेश यादव गुट के साथ साझीदारी करने की इच्छुक है, क्योंकि वह मुलायम सिंह के गुट से ज़्यादा बड़ा और ताकतवर नज़र आ रहा है. इससे पहले, अखिलेश यादव कह भी चुके हैं कि उनके विचार से कांग्रेस के साथ गठबंधन करना फायदेमंद हो सकता है.
7. बेंगलुरु में लड़की के साथ सड़क पर घटी शर्मनाक घटना का Video आया सामने, दो लड़कों के खिलाफ केस दर्ज


बेंगलुरु से समाज को शर्मसार करने वाला वीडियो सामने आया है. शहर में नए साल के मौके पर लड़कियों और महिलाओं से कई जगहों पर छेड़छाड़ की खबरें आई थीं. लेकिन ऐसा सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जो किसी भी सभ्य समाज में अस्वीकार है. वीडियो में देखा जा सकता है कि अपने घर से महज कुछ ही दूरी पर जब लड़की रात में सड़क पर अकेली घर की ओर बढ़ रही थी. तब दो लड़के स्कूटर से उसके पीछे से आते हैं और आगे आकर रुक जाते हैं. लड़की को कुछ शक होता है और वह तेजी से निकलने की कोशिश करती है लेकिन स्कूटर एक शख्स उतरकर उसके आगे खड़ा हो जाता है. फिर जो हुआ वह अत्यंत ही निंदनीय है. उसके लड़के ने लड़की से छेड़खानी के बाद जैसे उसे सड़क पर पटक दिया और फिर दोनों लड़के स्कूटर में भाग निकले. वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला बचाव की पूरी कोशिश करती है और आरोपी को थप्पड़ मारती है. यह घटना रात करीब 2.30 बजे की है. और पूरी वारदात एक घर के बाहर लगे सीसीटीवी में कैद हो गई. इसी घर के मालिक ने सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद पुलिस और मीडिया को इसकी जानकारी दी. घटना में समाज को शर्मसार करने के लिए इतना ही काफी नहीं था. कुछ दूरी पर कुछ और लोग खड़े थे लेकिन उनमें से कोई भी लड़की की मदद के लिए आगे नहीं आया. इस वीडियो के सामने आने के बाद महिलाओं के सुरक्षित माने जाने वाले बेंगलुरु जैसे शहर में सुरक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था पर सवाल उठना तो लाजमी है. इस पूरी घटना पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त हेमंत निमबाल्कर ने बताया, "हमने एक शख्स द्वारा दिए गए वीडियो के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. इस वीडियो में रविवार (नववर्ष) तड़के लगभग 2.41 बजे कमानहल्ली में दो लोग एक महिला के साथ छेड़छाड़ करते देखे जा सकते हैं."

8. कैप्टन ने अमृतसर ईस्ट से सिद्धू को घोषित किया पार्टी प्रत्याशी, गेंद सिद्धू के पाले में


पंजाब में चुनावों की तारीखों की घोषणा हो चुकी है. मगर खिलाड़ी से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू के चुनाव लड़ने को लेकर चल रही अटकलों का बाज़ार अभी थमा नहीं है. हालांकि कांग्रेस ने अपनी ओर से स्थिति साफ करते हुए उनके लिए अमृतसर (पूर्व) की सीट सुरक्षित रख छोड़ी है. चुनाव आयोग ने बुधवार को पंजाब समेत अन्य 5 राज्यों में विधान सभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया. पंजाब में एक ही चरण में चुनाव 4 फरवरी को होगा और 11 मार्च को मतों की गणना की जाएगी. चुनावी तारीखों के ऐलान पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि चुनावों में कांग्रेस की जीत निश्चित है. उन्होंने कहा कि उन्होंने ही चुनाव आयोग से एक ही चरण में चुनाव कराने की मांग की थी. उनकी मांग मानी गई है, इससे वे बेहद खुश हैं. पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कैप्टन ने कहा कि अकाली-भाजपा गठबंधन से यहां की जनता दुःखी है. आम आदमी पार्टी का असली चेहरा दिल्ली में पूरा देश देख ही चुका है. इसलिए कांग्रेस ही यहां के लोगों की पहली पसंद है. कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि उन्होंने घोषणा पत्र में समाज के हर वर्ग का ख्याल रखा है. कई महीनों की बैठक के बाद इसे तैयार किया गया है.

9. TMC कार्यकर्ताओं ने लगातार दूसरे दिन BJPकार्यालय को बनाया निशाना, हुबली ऑफिस को लगाई आग


पश्चिम बंगाल के हुगली में स्थित भारतीय जनता पार्टी के आॅफिस में बुधवार को टीएमसी कार्यकर्ताओं ने आग लगा दी। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, बीते दो दिनों में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने दूसरी बार बीजेपी आॅफिस को निशाने पर लिया है। मंगलवार को भी टीएमसी स्टूडेंट्स विंग के कार्यकर्ताओं ने कोलकाता स्थित बीजेपी के राज्य मुख्यालय पर हमला बोला था। इसमें कई बीजेपी कार्यकर्ता घायल भी हुए थे। विरोध करने वाले सभी लोग टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय की रोज वैली चिटफंड घोटाले में गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि इस घोटाले में सुदीप की कथित संलिप्तता के आधार पर सीबीआई ने उनको अरेस्ट किया था।

10. पुराने नोट नहीं बदलने पर महिला आरबीआई कार्यालय के सामने हुई टॉपलेस


नोटबंदी के बाद अपने कुछ पुराने नोट बदलवाने में सफल नहीं होने पर एक हताश महिला ने बुधवार को यहां आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय के सामने टॉपलेस हो गई। इस घटना के बाद लोग सन्न रह गए। महिला अपने बच्चे के साथ आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय आई थी। वह गेट पर गार्ड से अपने पुराने नोट बदलवाने के लिए गुहार लगाती रही लेकिन गार्ड ने उसे वहां से हटा दिया। कोई सुनवाई होती नहीं देख महिला विरोध स्वरूप आरबीआई के प्रवेश द्वार पर बैठ गई।
लेकिन जब गार्ड उस गरीब महिला को जबर्दस्ती प्रवेश द्वार से हटाने की कोशिश करने लगा तो उसने अपने कपड़े उतार दिए और वहां टॉपलेस होकर बैठ गई। महिला की इस हरकत के बाद वहां मौजूद लोग और सुरक्षा अधिकारी हतप्रभ रह गए। बाद में बैंक के गार्ड ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दे दी और पुलिस उस महिला को बच्चे समेत पुलिस स्टेशन ले गई। गौरतलब है कि आरबीआई ने 31 दिसंबर को पुराने नोट बदलने के लिए नया नियम जारी किया था। इस नियम के तहत जो लोग 9 नवंबर से 30 दिसंबर तक विदेशों में थे वही 31 मार्च 2017 तक पुराने नोट बदलवा सकते हैं।

11 महेन्द्र सिंह धौनी ने कप्तान पद से दिया...

टीम इंडिया के टी-20 और वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया है।क्रिकेट प्रेमियों को अब कैप्टन कूल यानी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी देखने को नहीं मिलेगी। बुधवार को बीसीसीआई ने धोनी के इस हैरान कर देने वाले कदम का एलान किया। इसी के साथ धोनी की कप्तानी के शानदार सफर का सिलसिला भी थम गया है। कहा जा रहा है कि धोनी को चयनकर्ताओं ने इस बारे में संकेत दिए थे। वह इंग्लैंड के खिलाफ 15 जनवरी से शुरू हो रही   टी-20 और वनडे सीरीज के लिए उपलब्ध रहेंगे।mरहे भारत के सबसे सफल कप्तान

दिसंबर 2004 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज करने वाले महेंद्र सिंह धोनी को पहली बार टीम की कमान साल 2007 में दक्षिण अफ्रीका में हुए पहले टी-20 विश्वकप में सौंपी गई थी। इसके बाद उन्हें साल 2007 में उन्हें राहुल द्रविड़ के बाद वनडे टीम की कमान भी सौंप दी गई। 

धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने बहुत बुलंदियों को छुआ। उनकी कप्तानी में ही टीम इंडिया साल 2011 में 28 साल बाद विश्व चैंपियन बनी थी। वह भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे सफल कप्तान रहे।  धोनी ने इसी तरह साल 2014 में  ऑस्ट्रेलिया दौर पर अचानक  टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। धोनी ने जिस वक्त कप्तानी छोड़ी है उस वक्त बीसीसीआई अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है। लेकिन इसी दौरान विजय रथ पर सवार टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली को तीनों फॉर्मेट का कप्तान बनाने की मांग भी हो रही थी। 

धोनी ने टीम इंडिया के लिए 199 वनडे मैचों में कप्तानी की। जिनमें से 110 में उन्हें जीत हासिल हुई।  4 मैच बराबरी पर समाप्त हुए जबकि 11 मैचों का कोई परिणाम नहीं निकला। धोनी विश्व के एकमात्र कप्तान हैं जिन्होंने टी-20 विश्वकप, वनडे विश्वकप और चैंपियंस ट्रॉफी के खिताब अपनी कप्तानी में जीते हैं।  2007 से 2016 तक 9 साल तक धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 62 टी-20 मैच खेले जिसमें से 36 में जीत और 24 में हार का सामना करना पड़ा। एक मैच टाई रहा।  ​
इनकी कप्तानी के कुछ यादगार वीडियो ----
महेंद्र सिंह धोनी ने  अचानक भारतीय वनडे टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला लिया।
धोनी ने भारतीय क्रिकेट में साल 2004 में पर्दापण किया था। चिट्टागॉन्ग में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया था। 23 दिसंबर को खेले गए इस मैच में धोनी सातवें स्थान पर बल्लेबाजी करने आए थे और शून्य पर रन आउट हो गए थे। यह बात धोनी के हर फैन को याद होगी ही। धोनी ने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। झारखंड के छोटे से शहर रांची से जो लड़का भारतीय टीम में खेलने का सपना लेकर निकला था वह एक दिन भारत का कप्तान बनेगा यह शायद किसी ने नहीं सोचा होगा। धोनी ने नौ साल तक भारतीय टीम के कप्तान का पद संभाला है और अब उन्होंने इससे हटने का फैसला लिया है तो शायद इसके पीछे कोई वजह जरूर होगी। आज हम यहां बात करेंगे बतौर कप्तान धोनी के करियर के पांच खास पलों की जब उन्होंने दर्शकों को अचंभित तो किया लेकिन खुशी से।
2007 टी20 विश्वकप:  भारत को 13 सितंबर को स्कॉटलैंड के साथ पहले मैच से टूर्नामेंट में अपने सफर की शुरुआत करनी थी लेकिन यह मैच बारिश के कारण रद्द हो गया। भारत ने इस टूर्नामेंट में अपना पहला मैच खेला चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के साथ। 14 सितंबर को डरबन में खेले गए इस मैच को लेकर दर्शकों में जितना उत्साह था उतना ही रोमांचक यह मैच भी रहा। धोनी ने इस मैच में 33 रन बनाए और यह मैच टाई रहा। जिसके बाद हार जीते के फैस के लिए एक बॉल आउट ओवर खेला गया जिसमें दोनों टीमों को एक ओवर डालकर विकेट गिराना था जो टीम ज्यादा बार विकेट गिराने में कामयाब हो जाती वह विजेता होती।
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भारत ने 3-0 से बॉल आउट जीता। इसके बाद भारत ने केवल न्यूजीलैंड से एक मैच हारा और फिर लगातार जीतकर भारत सेमीफाइलन में पहुंचा जहां उसकी भिड़ंत ऑस्ट्रेलियासे हुई। भारत ने युवराज सिंह की मदद से यह मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई। वहीं पाकिस्तान टीम ने भी सेमीफाइनल जीतकर फाइनल मैच में जगह पक्की कर ली। 24 सितंबर को जोहान्सबर्ग में हुआ यह मुकाबला हर क्रिकेट प्रेमी की याद में आज भी ताजा है। यही वह मौका था जब पहली बार कप्तान धोनी की एक झलक दुनिया ने देखी थी। आखिरी ओवर में जब पाकिस्तान को जीत के लिए 12 रन बनाने थे तब धोनी ने हरभजन सिंह या इरफान पठान को ओवर दे सकते थे शायद क्रिकेट जानकारों का भी यही सोचना था लेकिन धोनी ने कुछ ऐसा किया जो किसी ने नहीं सोचा होगा। उन्होंने जोगिंदर शर्मा को गेंद थमाई और पहली ही गेंद पर कप्तान मिसबाह ने छक्का जड़ दिया। सभी को लगा कि धोनी इस गलत फैसले की सजा भुगतेगें। अब चार गेदों पर छह रन बनाने थे जो ज्यादा मुश्किल नहीं था लेकिन अगली गेंद से पहले धोनी जोगिंदर के पास गए और उनसे बात की। जिसके बाद अगली ही गेंद पर मिसबाह कैच आउट हुए श्रीसंत के द्वारा और भारत ने पहला टी20 विश्वकप जीता। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यह एक खूबसूरत पल था और यहीं से सभी को धोनी में भारतीय टीम का भविष्य दिखाई दिया।
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2008 कॉमनवेल्थ ट्राई सीरीज: भारतीय टीम का कप्तान बनने के बाद धोनी के केवल घरेलू मैदान पर ही नहीं बल्कि विदेशी धरती पर ही भारत को कई खिताब जिताए हैं उनमें से ही एक है साल 2008 की कॉमनवेल्थ बैंक ट्राई सीरीज। ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और भारत के बीच यह सीरीज खेली गई थी। ऑस्ट्रेलिया में आयोजित इस टूर्नामेंट में धोनी ने बढ़िया बल्लेबाजी की थी। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ ब्रिसबेन में नाबाद 88 रनों की पारी खेली थी। साथ ही ए़डिलेड में भी अर्धशतक जड़ा था। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोनों फाइनल मैच जीतकर खिताब पर कब्जा किया। पहले फाइनल में भारत ने रनों का पीछा करते हुए छह विकेट से जीत हासिल की थी। वहीं दूसरा फाइनल भारत ने 9 रन से जीता था। पहले फाइनल में सचिन तेंदुलकर ने शानदार शतक जड़ा था और धोनी ने केवल 15 रन बनाए थे लेकिन अंतिम ओवर में फिनिशर की भूमिका अदा करते हुए उन्होंने एक बार फिर भारत के लिए विनिंग शॉट लगाया। धोनी की यही खास बात है जो उन्हें सबसे अलग करती है वह कभी अपने रनों के बारें में नहीं सोचते हैं उनके लिए सिर्फ जीत मायने रखती है।


2010 एशिया कप फाइनल: पहला आईसीसी टी20 विश्वकप जीतने के बाद भारतीय टीम के हौसले बुलंद थे। वहीं अगले साल भारत को एशिया कप में भाग लेना था और इस बार भी कप्तानी का जिम्मा महेंद्र सिंह धोनी को सौंपा गया। भारत ने यहां भी बढ़िया प्रदर्शन किया और फाइनल में जगह बनाई। फाइनल मुकाबले में भारत का सामना होने वाला था पड़ोसी देश श्रीलंका से। कराची में खेले गए इस मैच में भारत को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। श्रीलंका के 273 रनों के जवाब में भारत केलव 173 रन बना सका। हालांकि वीरेंद्र सहवाग ने 60 और धोनी ने 49 रन बनाए लेकिन और कोई बल्लेबाज 20 का आंकड़ा पार नहीं कर सका और भारत 100 रन से एशिया कप हार गया। हार बड़ी थी और उसका एहसास भी लेकिन श्रीलंका टीम को पता नहीं था इस जीत की उसे जल्द ही बहुत बड़ी कीमत चुकानी थी। साल 2010 में एक बार फिर एशिया कप शुरु हुआ। भारत ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ जीत हासिल की लेकिन एक बार फिर श्रीलंका ने ग्रुप मैच में भारत को मात दी। संयोग से एक बार फिर भारत और श्रीलंका ही फाइनल मुकाबले में आमने सामने थे लेकिन इस बार भारत को हार मंजूर नहीं थी। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 268 रन बनाए वहीं धोनी ने 38 रनों की पारी खेली। जवाब में श्रीलंका टीम केवल 187 रनों पर ऑल आउट हो गई। भारत ने अपनी पहली दोनों हार का बदला ले लिया और एशिया कप पर कब्जा किया।
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2011 विश्वकप: भारतीय टीम के 2007 विश्वकप हारने की यादें अब भी धोनी के जहन में थी। हालांकि भारत ने टी20 विश्वकप जीत लिया था लेकिन 1983 के विश्वकप के बाद भारत दोबार इस खिताब को हासिल नहीं कर पाया था। साल 2011 का वनडे विश्वकप भारत में आयोजित होना था जो सचिन तेंदुलकर का आखिरी विश्वकप होने वाला था। भारतीय टीम को इस बार 28 साल का यह इंतजार खत्म करना था और इस काम को पूरा किया कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने। भारत ने इस टूर्नामेंट में केवल एक ही मैच हारा था। सफर खूबसूरत था अब बस मंजिल का इंतजार था। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच जीता और फाइनल के लिए क्वालिफाई किया। इस मैच के नायक थे मास्टर ब्लॉस्टर जिन्हें अब केवल फाइनल का इंतजार था। आखिरकार 2 अप्रैल 2011 को वह पल आया जिसका इंतजार पूरा हिंदुस्तान कर रहा था। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ अंतिम मुकाबले के लिए भारतीय टीम उतरी। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 274 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया। भारत तो जीत के लिए 275 रनों की जरूरत थी। भारत के सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के शून्य पर आउट होते ही दर्शकों को बड़ा झटका लगा लेकिन इसके बाद गौतम गंभीर ने 97 रन बनाकर भारतीय पारी को संभाला लेकिन वह शतक से चूक गए। विराट कोहली के आउट होने के बाद युवराज सिंह की जगह जब कप्तान धोनी मैदान पर आए तो सभी असमंजस में पड़ गए। धोनी को पता था कि इस समय टीम को उनकी जरूरत है और एक कप्तानी पारी खेलते हुए वह भारत को जीत के करीब ले गए। आखिरीर ओवर की गेंद पर उनका वह विनिंग सिक्स भला कोई कैसे भूल सकता है। धोनी ने 28 साल बाद भारत का विश्वकप जीतने का सपना पूरा किया।
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2013 चैम्पियंस ट्रॉफी: महेंद्र सिंह धोनी अकेले ऐसे कप्तान है जिन्होंने आईसीसी के तीनों टूर्नामेंट जीते हैं। वनडे और टी20 विश्वकप जीतने के बाद धोनी बारी थी चैम्पियंस ट्रॉफी की। धोनी ने साल 2013 में आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम का नेतृत्व किया। दो ग्रुप मैच और श्रीलंका के खिलाफ सेमीफाइनल जीत कर भारत इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में पहुंचा। यह मैच मेरे लिए खास था क्योंकि जिस दिन फाइनल खेला जाना था यानि कि 23 जून मेरा जन्मदिन था और इससे बेहतर तोहफा शायद ही कुछ और हो सकता है एक क्रिकेट प्रेमी के लिए। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 129 रन बनाए। वहीं जवाब में इंग्लैंड की टीम 124 रन पर आउट हो गई और भारत ने चैम्पियंस ट्ऱॉफी अपने नाम की। मैन ऑफ द मैच रवींद्र जडेजा रहे जिन्होंने 33 रन बनाने के साथ दो विकेट भी लिए।
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2016 एशिया कप: बतौर सीमित ओवर कप्तान धोनी का आखिरी खिताब है। इस साल खेले गए एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ आठ विकेट से जीत हासिल कर एक बार फिर एशिया कप अपने नाम किया। मीरपुर में खेले गए इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए मेजबान टीम ने 120 रन बनाए। भारत को जीत के लिए 121 रन चाहिए थे और शिखर धवन ने ने 60 रनों का धमाकेदार पारी खेलते हुए भारत को लक्ष्य के पास पहुंचाया और उनके आउट होने के बाद पारी को संभाला विराट कोहली और धोनी ने। भारत ने यह मैच सात गेंद बाकी रहते जीत लिया। साल 2016 की शुरुआत भारतीय टीम की शानदार जीत से हुई थी लेकिन साल 2017 की शुरुआत क्रिकेट फैंस के लिए अच्छी नहीं रही है।

31 दिसंबर का इतिहास यहाँ पढ़ें ।
4 जनवरी को जन्मे व्यक्ति=====---
1642-: ब्रिटेन के भौतिक शास्त्री विचारक और गणितज्ञ, आइज़क न्यूटन का जन्म हुआ। 24 वर्ष की आयु में वे मेकनिज़्म से संबंधित महत्वपूर्ण नियम का पता लगाने में सफल हुए।

उन्होंने इन नियमों को अंतरिक्ष में पाये जाने वाले ग्रहों के संबंध में प्रयोग किया। उन्होंने ग्रेविटी अथवा गुरुकर्षण के मुख्य नियमों का पता लगाया और महत्वपूर्ण आविष्कारों की आधार शिला रखी। न्यूटन ने अपनी महत्वपूर्ण पुस्तक गणित के प्राकृतिक नियम में संचरण के तीनों नियमों का उल्लेख किया है। सन 1727 में उनका निधन हुआ।
1809 - लुई ब्रेल - नेत्रहीनों के लिये ब्रेल लिपि का निर्माण करने वाले प्रसिद्ध व्यक्ति।
1924 - सेबास्तियन कप्पेन, धार्मिक विचारक
1925 - गोपाल दास नीरज- कवि।
1925 - प्रदीप कुमार, हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता।
1931 - निरुपा रॉय अभिनेत्री।
1952 - टी. एस. ठाकुर - वर्तमान मुख्य न्यायाधीश, भारत के 43वें न्यायाधीश हैं।
1965 - आदित्य पंचोली अभिनेता।
1887 - लोचन प्रसाद पाण्डेय - प्रसिद्ध साहित्यकार, जिन्होंने हिन्दी एवं उड़िया, दोनों भाषाओं में काव्य रचनाएँ भी की हैं।
1988 - नाबिला जमशेद, भारतीय लेखक।

4 जनवरी को हुए निधन====--
1905 - अयोध्याप्रसाद खत्री- खड़ी बोली के प्रसिद्ध कवि।
1931 - मोहम्मद अली - भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार और शिक्षाविद।
1983 - झाबरमल्ल शर्मा - राजस्थान के वयोवृद्ध साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासकार।
1994 - राहुल देव बर्मन (आर. डी. बर्मन) हिन्दी फ़िल्मों के मशहूर संगीतकार
 2002-: इटली के सरडीनिया द्वीप में विश्व के सबसे लम्बी आयु वाले पुरुष ऐटोनिया टोडे का निधन हुआ जिसके कुछ ही घंटों बाद विश्व की सबसे वृद्ध महिला मारिया ग्रेज़िया ब्रोकोलों का इटली की राजधानी रोम के दक्षिण में स्थित एक कस्बे में निधन हुआ। टोडे की आयु 112 वर्ष और मारिया  ब्रोकोलो की आयु 110 दस वर्ष थी।
2017-:सितार वादक अब्दुल हलीम जफर खान का 4 जनवरी 2017 को निधन हो गया. वे 88 वर्ष के थे. वे 'सितार त्रयी' के आखिरी जीवित कलाकार थे जिसमें उस्ताद विलायत खान, पंडित रविशंकर भी शामिल थे.

वे इस क्षेत्र के सबसे बड़े कलाकारों में उस्ताद मुश्ताक अली खान, पं. निखिल बैनर्जी, उस्ताद विलायत खां, पं. रविशंकर जैसे पांच सितारों में से एक थे.

अब्दुल हलीम जफर खान के बारे में महत्वपूर्ण पंक्तियाँ :~~~~~~~~

•    अब्दुल हलीम जफर खान का जन्म 15 फरवरी 1927 को मध्य प्रदेश में हुआ था.
•    वे इंदौर घराने के कलाकार थे.
•    वे जफरखानी बाज शैली के लिए पहचाने जाते थे.
•    वे सितार जगत के जानेमाने कलाकार थे.
•    उन्हें पद्म भूषण, पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
•    उन्हें खैरागढ़ इंदिरा कला विश्वविद्यालय में डीलिट की उपाधि से सम्मानित किया गया था. डीलिट की उपाधि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पं. विमलेंदु मुखर्जी के द्वारा प्रदान की गई थी.
•    वे वर्ष 1940 में ऑल इंडिया रेडियो में भी काम किए.
•    उन्होंने वर्ष 1976 में मुंबई में सितार हेतु हलीम अकादमी की स्थापना की.
•    उन्होंने मुगल-ए-आजम, झनक झनक पायल बाजे, कोहिनूर तथा अन्य फिल्मों के लिए संगीत दिया.
•    उन्होंने वर्ष 1963 में प्रसिद्ध अंग्रेजी शास्त्रीय गिटारवादक जूलियन ब्रीम के साथ भी प्रदर्शन किया.

 4 जनवरी के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव====----
लुई ब्रेल दिवस।
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4 जनवरी लुई ब्रेल दिवस
लुई ब्रेल दिवस 4 जनवरी को लुई ब्रेल की याद में मनाया जाता है। लुई ब्रेल ने नेत्रहीनों के लिये ब्रेल लिपि का निर्माण किया था। लुई ब्रेल की वजह से नेत्रहीनों को पढ़ने का मौक़ा मिला। सन 2009 में 4 जनवरी को जब लुई ब्रेल के जन्म को पूरे दो सौ वर्षों का समय पूरा हुआ तो लुई ब्रेल जन्म द्विशती के अवसर पर हमारे देश ने उन्हें पुनः पुर्नजीवित करने का प्रयास किया जब इस अवसर पर उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया।

जीवन परिचय : -
अंधों के लिये ब्रेल लिपि का निर्माण करने के लिये लुई ब्रेल जगतप्रसिद्ध हैं| फ्रांस में जन्मे लुई ब्रेल अंधों के लिए ज्ञान के चक्षु बन गए। ब्रेल लिपि के निर्माण से नेत्रहीनों की पढने की कठिनाई को मिटने वाले लुई स्वयम भी नेत्रहीन थे।लुइस ब्रेल का जन्म 4 जनवरी 1809 मे फ्रांस के छोटे से ग्राम कुप्रे में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। इनके पिता साइमन रेले ब्रेल शाही घोडों के लिये काठी और जीन बनाने का कार्य किया करते थें। पारिवारिक आवश्यकताओं के अनुरूप पर्याप्त आर्थिक संसाघन नही होने के कारण साइमन केा अतिरिक्त मेहनत करनी होती थी इसीलिये जब बालक लुइस मात्र पांच वर्ष के हुये तो उनके पिता ने उसे भी अपने साथ घोडों के लिये काठी और जीन बनाने के कार्य में लगा लिया। अपने स्वभाव के अनुरूप पांच वर्षीय बालक अपने आस पास उपलब्ध वस्तुओं से खेलने में अपना समय बिताया करता था इसलिये बालक लुइस के खेलने की वस्तुये वही थीं जो उसके पिता द्वारा अपने कार्य में उपयोग की जाती थीं जैसे कठोर लकडी, रस्सी, लोहे के टुकडे, घोडे की नाल, चाकू और काम आने वाले लोहे के औजार। किसी पांच वर्षीय बालक का अपने नजदीक उपलब्ध वस्तुओ के साथ खेलना और शरारतों में लिप्त रहना नितांत स्वाभाविक भी था। एक दिन काठी के लिये लकडी को काटते में इस्तेमाल किया जाने वाली चाकू अचानक उछल कर इस नन्हें बालक की आंख में जा लगी और बालक की आंख से खून की धारा बह निकली। रोता हुआ बालक अपनी आंख को हाथ से दबाकर सीधे घर आया और घर में साधारण जडी लगाकर उसकी आंख पर पट्टी कर दी गयी। शायद यह माना गया होगा कि छोटा बालक है सेा शीघ्र ही चोट स्वतः ठीक हो जायेगी। बालक लुइस की आंख के ठीेक होने की प्रतीक्षा की जाने लगी। कुछ दिन बाद बालक लुइस ने अपनी दूसरी आंख से भी कम दिखलायी देने की शिकायत की परन्तु यह उसके पिता साइमन की साघन हीनता रही होगी अथवा लापरवाही जिसके चलते बालक की आंख का समुचित इलाज नहीं कराया जा सका और धीरे धीरे वह नन्हा बालक आठ वर्ष का पूरा होने तक पूरी तरह दृष्ठि हीन हो गया। रंग बिरंगे संसार के स्थान पर उस बालक के लिये सब कुछ गहन अंधकार में डूब गया। अपने पिता के चमडे के उद्योग में उत्सुकता रखने वाले लुई ने अपनी आखें एक दुर्घटना में गवां दी। यह दुर्घटना लुई के पिता की कार्यशाला में घटी। जहाँ तीन वर्ष की उम्र में एक लोहे का सूजा लुई की आँख में घुस गया।
कालान्तर में स्वयं लुइस ब्रेल ने आठ वर्षो के अथक परिश्रम से इस लिपि में अनेक संशोधन किये और अंततः 1829 में छह बिन्दुओ पर आधारित ऐसी लिपि बनाने में सफल हुये। लुइस ब्रेल के आत्मविश्वाश की अभी और परीक्षा होना बाकी था इसलिसे उनके द्वारा अविष्कृत लिपि को तत्कालीन शिक्षाशाष्त्रियों द्वारा मान्यता नहीं दी गयी और उसका माखौल उडाया गया। सेना के सेवानिवृत कैप्टेन चार्लस बार्बर के नाम का साया लगातार इस लिपि पर मंडराता रहा और सेना के द्वारा उपयोग में लाये जाने के कारण इस लिपि केा सेना की कूटलिपि ही समझा गया परन्तु लुइस ब्रेल ने हार नहीं मानी और पादरी बैलेन्टाइन के संवेदनात्मक आर्थिक एवं मानसिक सहयोग से इस शिष्य ने अपनी अविष्कृत लिपि को दृष्ठि हीन व्यक्तियों के मध्य लगातार प्रचारित किया। उन्होंने सरकार से प्रार्थना की कि इसे दृष्ठिहीनों की भाषा के रूप में मान्यता प्रदान की जाय। यह लुइस का दुर्भाग्य रहा कि उनके प्रयासों को सफलता नहीं मिल सकी और तत्कालीन शिक्षाशाष्त्रियों द्वारा इसे भाषा के रूप में मान्यता दिये जाने योग्य नहीं समझा गया। अपने प्रयासों केा सामाजिक एवं संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिये संर्घषरत लुइस 43 वर्ष की अवस्था में अंततः 1852 में जीवन की लडाई से हार गये परन्त् उनका हौसला उनकी मृत्यु के बाद भी नहीं मरा।
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02 जनवरी का इतिहास यहाँ पढ़ें ।

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